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पहली बार दिखा एमसी की बैठक का ऐसा रंग, न खींचतान न हंगामा

ढाई माह बाद सदन की बैठक हुई लेकिन सदन का माहौल अलग दिखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:11 AM (IST)
पहली बार दिखा एमसी की बैठक का ऐसा रंग, न खींचतान न हंगामा
पहली बार दिखा एमसी की बैठक का ऐसा रंग, न खींचतान न हंगामा

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : ढाई माह बाद सदन की बैठक हुई लेकिन सदन का माहौल अलग दिखा। एमसी हाउस में न खींचतान थी न कोई गरमागरमी। न तो कोई बिना मंजूरी के अपनी सीट से उठा और न ही कोई विरोध करते हुए मेयर के सामने आया और न ही किसी ने कोई टिप्पणी की। न ही अखबार में सुर्खियां बटोरने के लिए पार्षदों ने कुछ ज्यादा राजनीति नहीं की और न ही कोई अनुशासन टूटा। एक ही बात को रखने के लिए कई पार्षद अपनी सीट पर नहीं खड़े हुए। जबकि हर बार सदन की बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद कई कई घंटे आपस में विकास के मुद्दों को छोड़कर उलझते रहते थे। घर से वीसी के जरिये रखी राय

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बड़ा कारण यह था कि पार्षदों ने अपने घर पर बैठकर ही वीडियो कांफ्रेंसिग से शहर के अलग-अलग मुद्दों पर बात रखी। जबकि मेयर, कमिश्नर और सचिव नगर निगम में कोविड-19 के लिए बनाए हुए कमांड कंट्रोल सेंटर में बैठे। अतिरिक्त कमिश्नर और अधिकारी भी अपने-अपने कमरों में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक से नगर निगम का एक लाख रुपये का खर्चा भी बचा जो हर बार सदन की बैठक के लिए लंच पर खर्च होता है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिसे मेयर राजबाला मलिक ने मंजूरी दी, उसने ही अपनी बारी से बात रखी। ऐसा पहली बार हुआ जब सदन की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हुई। जबकि पार्षदों ने मेयर से मांग की है कि अगली बैठक नगर निगम में ही बुलाई जाए। मंदिर के लिए दिए बयान पर एक-दूसरे पर हुई छींटाकशी

वीडियो कांफ्रेंसिग में कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला की ओर से मंदिरों पर दिए हुए बयान पर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच छीटाकशी हुई। सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा और भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद को जब बोलने का मौका मिला तो इन्होंने कांग्रेस पार्षद दल बबला की आलोचना की। शर्मा ने कहा कि बबला को माफी मांगनी चाहिए और बबला ऐसा करके हिदुओं के खिलाफ बयान दे रहे हैं। मैं तो बुलडोजर के आगे खड़ा हो गया था : बबला

जिसके जवाब में कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने कहा कि जो उनका वीडियो भाजपा की ओर से वायरल किया जा रहा है, वह काटा गया है। वे मंदिरों के खिलाफ नहीं है और न ही कोई गलत बात की है। उनके वार्ड के सेक्टर-27 में जब प्रशासन मंदिर तोड़ने के लिए आया था तो वे बुलडोजर के आगे आकर खड़े हो गए थे। उस समय भाजपा के नेता नहीं आए थे। यह किराया बढ़ाने का सही समय नहीं

कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने बैठक की शुरुआत में कहा कि पिछले दिनों जो अनुबंध कमेटी ने फैसला लिया था कि गांवों में जो दुकानें हैं, उनका किराया बढ़ा दिया था। जबकि यह किराया बढ़ाने का सही समय नहीं है। कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने गलियों में आने वाले वेंडर्स को भी दस्ताने और मास्क देने के लिए कहा। मनोनीत पार्षद चरणजीव सिंह ने खुड्डा अलीशेर में पानी की किल्लत का मामला उठाया। कांगेस पार्षद शीला फूल सिह ने सेक्टर-25 में आ रहे गंदे पानी की सप्लाई का मामला उठाया। मोदगिल कार मे भी जाते हुए दिखे

पूर्व मेयर देवेश मोदगिल पहले घर पर ही वीडियो कांफ्रेंसिग से जुड़े दिखे लेकिन उन्हें जब बाहर जाना पड़ा तो वे कार में सड़कों पर जाते हुए सभी पार्षदों को स्क्रीन पर दिखे। मोदगिल ने कार चलाते समय ही मरे हुए जानवरों के संस्कार के लिए लगने वाले प्लांट पर अपना पक्ष रखा। जबकि मेयर ने उन्हें पूछा तो उन्होंने कहा कि वह काम भी कर रहे हैं और सदन की बैठक में अटेंड कर रहे हैं।


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