91 वर्षीय उड़न सिख मिल्खा सिंह Corona Positive, खुद को घर में किया आइसोलेट
उड़न सिख के नाम से देश और दुनिया में मशहूर शहर के पूर्व एथलीट मिल्खा सिंह (Flying SikhS Milkha Singh) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। राहत की बात है कि 91 वर्षीय मिल्खा सिंह बिल्कुल ठीक हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद घर पर ही आइसोलेट हो गए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। Milkha Singh found corona positive उड़न सिख के नाम से देश और दुनिया में मशहूर शहर के पूर्व एथलीट मिल्खा सिंह (Flying Sikh'S Milkha Singh) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि राहत की बात है कि 91 वर्षीय मिल्खा सिंह बिल्कुल ठीक हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद घर पर ही आइसोलेट हो गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें हल्का बुखार था जिसके बाद उनकी कोरोना जांच की गई।
मिल्खा सिंह का कहना है कि उन्हें भी आश्चर्य हो रहा है कि वह कैसे संक्रमित हो गए हैं। बुधवार को सुबह सैर करने के बाद उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था। जिसमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी हालत बिल्कुल स्थिर है और अभी वह घर पर ही हैं। गाैरतलब है कि पंजाब के साथ ही चंडीगढ़ में भी काेराेना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
फ्लाइंग सिख पदमश्री मिल्खा सिंह ने बताया कि उन्हें हल्का बुखार था, जिसके बाद उन्होंने एतियात के तौर पर अपना कोरोना टेस्ट करवाया, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। फिलहाल उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बता दें मिल्खा सिंह ऐसे खिलाडिय़ों में से एक हैं, जोकि सालों से देश-दुनिया के खिलाडिय़ों के लिए प्ररेणा स्त्रोत बने हुए हैं। वक्त के साथ मिल्खा सिंह शरीरिक तौर पर जरूर कमजोर हुए हैं, लेकिन उनके मजबूत इरादे और हौसले आज भी वैसे ही जैसे 60 के दशक में थे। मिल्खा सिंह आज भी मौजूद खेल व्यवस्था पर अपनी बेबाक राय रखते हैं। उन्होंने बताया कि अब मैं कोरोना से भी जीतूंगा।
फिटनेस के लिए घर में बनाया है जिम
मिल्खा सिंह अभी हफ्ते में दो दिन में बाहर जॉगिंग के लिए जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने घर पर ही जिम बना रखा है, जहां पर एक्सरसाइज करते हैं । मिल्खा बताते हैं कि उन्हें हर रोज 10-20 खेल प्रशंसकों के पत्र आते हैं उनका जवाब वह खुद देते हैं। शरीरिक कमजोरी की वजह से अभी विदेश या शहर के बाहर निमंत्रण स्वीकार नहीं करता हूं।
फ्लाइंग सिख इसलिए मिला था नाम
मिल्खा सिंह ने 1958 के एशियाई खेलों में 200 व 400 मीटर में स्वर्ण पदक, 1958 के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक, 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। साल 1960 में जब मिल्खा ने पाकिस्तान प्रसिद्ध धावक अब्दुल बासित को पाकिस्तान में हराया तो जनरल अयूब खान ने उन्हें फ्लाइंग सिख का नाम दिया था। रोम ओलंपिक में मिल्खा सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
खेल को समर्पित है पूरा परिवार
मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर पूर्व भारतीय महिला वॉलीबॉल कप्तान रह चुकी है। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। बेटा जीव मिल्खा सिंह एक मशहूर गोल्फ खिलाड़ी हैं। भारत सरकार मिल्खा सिंह और उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह को पदमश्री अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है। मिल्खा सिंह की बेटी सोनिया ने उनकी आत्मकथा द रेस ऑफ माई लाइफ किताब लिखी है।
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