चंडीगढ़ में पटाखों पर पाबंदी, बिना आतिशबाजी जलेंगे पुतले
कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण ने त्योहारों पर रंग बिरंगी आतिशबाजी का चलन खत्म कर दिया है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण ने त्योहारों पर रंग बिरंगी आतिशबाजी का चलन खत्म कर दिया है। लगातार दूसरा साल ऐसा होगा जब चंडीगढ़ में शुक्रवार को बिना पटाखों के प्रमुख त्योहार दशहरा मनाया जा रहा है। यूटी प्रशासन ने इस बार भी पटाखे बेचने और जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने पटाखे बैन करने के सख्त आदेश जारी किए हुए हैं। यह आदेश दीपावली पर्व पर भी लागू रहेंगे। ऐसे में दीपोत्सव भी बिना शोर शराबे के ही मनेगा, लेकिन यह खामोशी कहीं न कहीं अच्छे परिणाम लेकर आएगी। पिछले साल पटाखे नहीं जलने से टूटे थे रिकॉर्ड
वर्ष 2020 में भी यूटी प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते पटाखों पर पाबंदी लगा रखी थी। पाबंदी का असर यह हुआ था कि वायु और शोर प्रदूषण दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। 25 अक्टूबर 2020 दशहरे के दिन शहर में कहीं कोई पुतला नहीं जलाया गया था। परिणाम यह रहा कि एक्यूआइ 121 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। वहीं वर्ष 2019 में पाबंदी नहीं होने से 33 अलग-अलग जगह शहर में रावण के पुतलों का दहन हुआ। इससे एक्यूआइ 160 तक दर्ज किया गया था। दीवाली पर 50 वर्ष के टूटे रिकॉर्ड
14 नवंबर 2020 को दीवाली के मौके पर पाबंदी की वजह से पटाखे बेहद कम मात्रा में जलाए गए। एक्यूआइ 140 दर्ज किया गया था, जबकि दूसरे शहरों में छूट की वजह से एक्यूआइ 300 के पार पहुंच गया था। इसी तरह से वर्ष 2019 में दीवाली पर एक्यूआइ 341 दर्ज किया गया था। पिछले वर्ष यह एक चौथाई रह गया था। पंचकूला-मोहाली में पटाखों पर रोक नहीं
चंडीगढ़ में पटाखों पर रोक लगाई गई है तो पंचकूला और मोहाली में पिछली बार की तरह पटाखों की बिक्री और जलाने दोनों की छूट है। हालांकि इस छूट का असर इन दोनों शहरों को तो झेलना पड़ा ही चंडीगढ़ की हवा भी इससे कुछ हद तक प्रदूषित हुई। फिर भी इन दोनों शहरों से चंडीगढ़ में एक्यूआइ काफी बेहतर रहा। इस बार भी चंडीगढ़ के पास पटाखे फ्री त्योहार मनाकर पर्यावरण को अनूठी भेंट सौंपने का मौका है। आंकड़ों से समझिए त्योहारों पर प्रदूषण का हाल
दशहरा
25 अक्टूबर 2020
कहीं कोई पुतला नहीं जला
एक्यूआइ 121 दर्ज किया गया 2019 दशहरे पर
33 जगह रावण के पुतलों का दहन हुआ
एक्यूआइ 147 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज हुआ
जो अगले दिन 160 हो गया था दीपावली
14 नवंबर 2020
दीवाली की रात को 140 दर्ज किया गया था।
ध्वनी प्रदूषण 66.6 डेसिबल दर्ज किया गया
पंचकूला में पटाखे जले एक्यूआइ 274 दर्ज हुआ 27 अक्टूबर 2019 दीवाली
पटाखे जले एक्यूआइ 341 दर्ज किया गया
ध्वनी प्रदूषण 79.8 डेसिबल दर्ज हुआ था
प्रमुख शहरों का वीरवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर
चंडीगढ़ 134
मोहाली 117
लुधियाना 145
खन्ना 202
अमृतसर 145
अंबाला 164
कुरुक्षेत्र 195
करनाल 225
पानीपत 224
नई दिल्ली 182
गुरुग्राम 173
फरीदाबाद 219