एनुअल पेनल्टी का प्रोविजन खत्म, वन टाइम सेटलमेंट होगी
आखिरकार सीएचबी फ्लैट्स में रहने वाले लोगों की मुहिम रंग लाने लगी है। हाउसिंग बोर्ड नीड बेस्ड चेंज पर लगाई गई एनुअल पेनल्टी का प्रोविजन खत्म करने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : आखिरकार सीएचबी फ्लैट्स में रहने वाले लोगों की मुहिम रंग लाने लगी है। हाउसिंग बोर्ड नीड बेस्ड चेंज पर लगाई गई एनुअल पेनल्टी का प्रोविजन खत्म करने जा रहा है। इसके बजाय अलॉटियों से वन टाइम सेटलमेंट फीस ली जाएगी। जिन अलॉटियों की नीड बेस्ड चेंज रेगुलराइज होगी, उनके वॉयलेशन के नोटिस वापस लिए जाएंगे। दैनिक जागरण और सीएचबी फेडरेशन ने मिलकर हमारी सुनो सरकार अभियान के तहत नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज का मुददा उठाया था। दैनिक जागरण के मंच पर हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर्स ने घोषणा की थी कि किसी भी अलॉटी का मकान टूटने नहीं दिया जाएगा। वन टाइम सेटलमेंट पर भी सहमति बनी थी। यही नहीं, शहर के सभी राजनीतिक दलों ने जागरण के मंच पर आकर इस मुददे पर एकजुटता दिखाई थी। अब हाउसिंग बोर्ड की मीटिंग में इस प्रस्ताव को लाया जा रहा है। बोर्ड के डायरेक्टर्स खुद इस मुददे को ला रहे हैं। बाउंड्री लाइन और स्काई लाइन क्राइटेरिया
प्रशासन और बोर्ड इस बात पर सहमत हैं कि मकानों की बाउंड्री लाइन और स्काई लाइन के भीतर हुई नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज किया जाएगा। बशर्ते कि यह निर्माण खतरनाक न हो। बैक कोर्ट यार्ड में किए गए निर्माण को भी मंजूरी दी जा रही है। इसके लिए बोर्ड मरला हाउस की भांति 60 से 70 परसेंट एरिया कवर्ड करने की परमिशन दे सकता है। शहर में हाउसिंग बोर्ड के कई मकानों में लोगों ने एक्स्ट्रा फ्लोर भी बना लिए हैं। ऐसे मकानों की सेफ्टी देखकर ही बोर्ड कोई निर्णय लेगा। वन टाइम सेटलमेंट को बोर्ड तैयार
प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड अलॉटियों से नीड बेस्ड चेंज रेगुलराइज करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट लेने को तैयार है। बोर्ड ने वर्ष 2010 में भी नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग फुट वन टाइम फीस तय कर ली थी, लेकिन बाद में यह योजना सिरे नहीं चढ़ी। बोर्ड अब इसी तर्ज पर नई फीस निर्धारित करेगा। यह फीस मार्केट रेट को देखकर तय की जाएगी। एनुअल पेनल्टी का प्रोविजन बोर्ड खत्म करने जा रहा है। बोर्ड ने गत वर्ष सौ रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एनुअल पेनल्टी लगाई थी। बोर्ड के दस परसेंट अलॉटियों ने भी यह पेनल्टी जमा नहीं कराई। वॉयलेशन के नोटिस रद होंगे
हाउसिंग बोर्ड ने अभी तक जो भी वॉयलेशन के नोटिस जारी किए हैं, वह रद समझे जाएंगे। ऐसे मकान जिनके निर्माण खतरनाक हैं तथा लोगों के लिए भी खतरा हैं, सिर्फ उन्हें ही वॉयलेशन के नोटिस दिए जाएंगे। जिन अलॉटियों की अलॉटमेंट रद करने का प्रोसेस चल रहा है, वह भी खत्म समझा जाएगा। हवा और रोशनी का प्रबंध हो
हाउसिंग बोर्ड नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए यह शर्त रखेगा कि एडिशनल निर्माण में हवा और रोशनी का समुचित प्रबंध होना चाहिए। ऐसे अलॉटी, जिनके अतिरिक्त निर्माण में यह व्यवस्था नहीं है, उन्हें यह प्रावधान करना होगा। 80 परसेंट को मिल जाएगी राहत
हाउसिंग बोर्ड के अलॉटियों में 80 परसेंट लोगों ने अपने मकानों में जरूरत के अनुसार अतिरिक्त निर्माण किए हुए हैं। बोर्ड और प्रशासन के इस फैसले से 80 परसेंट लोगों को राहत मिल जाएगी। बोर्ड के कुल 60 हजार फ्लैट्स हैं। इसमें से 40 हजार से अधिक मकानों में लोगों ने नीड बेस्ड चेंज की हुई है। कनवर्जन फीस भी कम होगी
प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड अब लोगों के उदासीन रवैये को देखते हुए लीज होल्ड से फ्री होल्ड की कनवर्जन फीस में भी कमी को तैयार है। हाउसिंग बोर्ड ने इसी साल लीज होल्ड से फ्री होल्ड के नए रेट घोषित किए थे। यह रेट इतने अधिक थे कि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सौ अलॉटी भी आगे नहीं आए। शहर में हाउसिंग बोर्ड के 90 परसेंट फ्लैट्स लीज होल्ड पर हैं। बोर्ड ने कनवर्जन का यह रेट इतना अधिक रखा था कि कई मामलों में यह फ्लैट के अलॉटमेंट रेट से भी अधिक था। एलआइजी के फ्लैट का अलॉटमेंट रेट 90 के दशक में डेढ लाख रुपये था, तो अब उसे फ्री होल्ड करवाने में ही दो लाख रुपये लग रहे थे। बोर्ड का सही कदम है
बोर्ड का यह सही कदम है। लेकिन बोर्ड को इसे लागू करने से पहले यह देखना होगा कि इसका अधिक से अधिक लाभ लोगों को मिले। वन टाइम सेटलमेंट का रेट लोगों की पहुंच के भीतर हो।
प्रोफेसर निर्मल दत्त, चेयरमैन सीएचबी फेडरेशन टूटने नहीं देंगे मकान
बोर्ड लोगों को रिलीफ देने के लिए बना है। हमारा प्रयास रहेगा कि बोर्ड के सभी अलॉटी इस स्कीम में कवर हो जाएं। बोर्ड के किसी भी अलॉटी का मकान टूटने नहीं दिया जाएगा।
प्रेम कौशिक, डायरेक्टर, सीएचबी लोगों की जीत होगी
यह शहर के लोगों की जीत होगी। इसका श्रेय लोगों की एकजुटता और राजनीतिक दलों द्वारा दिखाई गई एकता को जाता है। बोर्ड को तत्काल रेगुलराइजेशन स्कीम की घोषणा करनी चाहिए।
अमरदीप सिंह, प्रेसिडेंट, आरडब्ल्यूएस, सेक्टर-39