नगर निगम में वित्तीय संकट, प्रशासन ने कहा- खुद बढ़ाओ अपनी आमदनी
यूटी प्रशासन ने नगर निगम को साल 2020-21 के लिए अपने आय के साधन बढ़ाने की सलाह दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
यूटी प्रशासन ने नगर निगम को साल 2020-21 के लिए अपने आय के साधन बढ़ाने की सलाह दी है। इस संबंध में प्रशासन के वित्तीय विभाग की ओर से नगर निगम को पत्र भी भेजा गया है। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड में कटौती करने की भी जानकारी नगर निगम को दी गई है। यह कटौती कोरोना के कारण हुई है। ऐसे में नगर निगम को पूरा साल वित्तीय संकट का सामना करना होगा।
पत्र आने के बाद कमिश्नर केके यादव ने सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे पूछा गया कि वह इस साल कितनी आय बढ़ाएंगे। हर विग को अपने-अपने क्षेत्र में आय के साधन बढ़ाने के लिए कहा गया है। 425 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड पास
प्रशासन को भेजे गए पत्र में कहा गया कि नगर निगम ने 580 करोड़ रुपये की ग्रांट की मांग की गई थी, लेकिन 425 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड पास की गई है। इसमें 50 करोड़ रुपये की राशि जो विकास के काम के लिए दी जानी थी उस पर कट लगाया गया है। नगर निगम की ओर से पास किए गए बजट पर प्रशासन ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस समय नगर निगम को सबसे ज्यादा कमाई हाउस और प्रॉपर्टी टैक्स से है। इससे हर साल 50 करोड़ की कमाई होती है।
एमसी ने फरवरी माह में पास किया था 1470 करोड़ का बजट
नगर निगम ने फरवरी माह में ने कुल 1470.59 करोड़ का बजट पास करके प्रशासन को भेजा था। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ नगर निगम का 425 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड तय कर दिए थे। नगर निगम की वित्तीय हालत इसलिए भी खस्ता हो रही है, क्योंकि हर माह 45 करोड़ रुपये का खर्चा कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही हो रहा है। जबकि अब कोरोना में हर दिन एमसी का खर्चा पांच लाख रुपये का बढ़ गया है।यह पांच लाख रुपये की राशि कर्मचारियों के पीपीइ किट, सेनिटाइजर और मास्क पर खर्च हो रही है। प्रशासन ने शराब की हर बोतल पर कोविड सेस लगा दिया है, लेकिन यह सेस की राशि एमसी को नहीं मिल रही है।