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चंडीगढ़ में प्राइवेट स्कूलों को खोलने के लिए अभिभावकों से मांगा गया फीडबैक

कोरोना वायरस के कारण बंद पड़े चंडीगढ़ के प्राइवेट स्कूलों ने अब अभिभावकों के फीडबैक मांगा है। इसके बाद ही स्कूलों को खोलने के लिए अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह सर्वे नर्सरी से बारहवीं सभी कक्षाओं के अभिभावकों के मध्य किया जाएगा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 07:00 AM (IST)
चडीगढ़ में प्राइवेट स्कूल रेगुलर कक्षाएं शुरू करने को लेकर योजना बना रहे हैं।

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। दीवाली बीत जाने के बाद प्राइवेट स्कूल प्रशासन की सक्रिय हो गया है। सोमवार को इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत सभी स्कूलों को 5 दिनों तक अभिभावकों के बीच दोबारा बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर सर्वे करने के लिए कहा गया है। अभिभावकों के फीडबैक पर ही स्कूलों को खोलने के लिए अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह सर्वे नर्सरी से बारहवीं सभी कक्षाओं के अभिभावकों के मध्य किया जाएगा। लेकिन स्कूल खोलने को लेकर योजना हम प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर के आधार पर बनाएंगे।

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इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्य्क्ष एचएस मामिक ने बताया कि हम रेगुलर कक्षाएं शुरू करने को लेकर योजना बना रहे हैं। लेकिन अंतिम फैसला अभिभावकों की राय पर ही निर्भर करता है। इसके लिए हमने सोमवार को सभी प्राइवेट स्कूलों को दोबारा सर्वे करने के लिए बोला है। अगर नर्सरी से बारहवीं तक सभी सेक्शन के 50 प्रतिशत अभिभावक राजी होते हैं तो सभी कक्षाओं की रेगुलर बुलाएंगे। अगर सिर्फ उच्चतर कक्षाओं के अभिभावक ही सहमति देते हैं तो सिर्फ उन्हें ही बुलाया जाएगा। बता दें शहर के कुछ स्कूलों में बारहवीं और दसवीं के विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ प्री-बोर्ड की तैयारी करवाने के लिए बुलाया जा रहा है। वहीं शिक्षक स्कूल में आकर लाइव ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले नवंबर माह के पहले हफ्ते में भी प्राइवेट स्कूलों को खोलने की बात की कहीं गई थी। इसके अलावा इसके अलावा शहर के कई प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जिनमें बकायदा बड़ी क्लास लग रही है। इन स्कूलों में सर्वे के आधार पर स्टूडेंट्स को बुलाया जा रहा है। इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन द्वारा शहर की उन प्राइवेट स्कूलों को सर्वे के लिए बोला गया है जो इनकी एसोसिएशन के अंडर आते हैं।

अभिभावकों के मन में अभी भी कोरोना वायरस को लेकर डर बना हुआ है। जिस वजह से छोटी क्लास के बच्चों के अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने के किए कभी राज़ी नहीं होंगे। वहीं बड़ी क्लास के स्टूडेंट्स के अभिभावक भी स्कूल में सभी तरह के सुरक्षा इंतजाम को परखने के बाद ही अपने बच्चो को स्कूल में भेजने का फैसला लेंगे।


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