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बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटी, मिनिस्ट्री ने काम शुरू करने की दी मंजूरी

सुखना लेक के साथ लगते सिटी फॉरेस्ट में बन रहे बर्ड एवियेरी पर लगी रोक को मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरमेंट फॉरेस्ट व क्लाइमेट चेंज ने हटा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 11:09 PM (IST)
बर्ड एवियेरी प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटी, मिनिस्ट्री ने काम शुरू करने की दी मंजूरी

जागरण संवाददाता चंडीगढ़ : सुखना लेक के साथ लगते सिटी फॉरेस्ट में बन रहे बर्ड एवियेरी पर लगी रोक को मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरमेंट, फॉरेस्ट व क्लाइमेट चेंज ने हटा दिया है। अब इस प्रोजेक्ट का काम दोबारा से शुरू हो जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने रोक लगने के बाद मिनिस्ट्री के भेजे सभी सवालों का जवाब बनाकर भेजा था साथ ही जवाब में यह कहा है कि इस प्रोजेक्ट में कुछ भी गलत नहीं है और सभी जरूरी मंजूरी ली गई है। मिनिस्ट्री की ओर से जो सुझाव और दिशा निर्देश दिए गए थे उन पर भी प्रशासन में काम कर लिया है, जिसके बाद मिनिस्ट्री ने प्रशासन के जवाब से संतुष्ट होकर प्रोजेक्ट पर लगी रोक हटा दी है।

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ड्रीम प्रोजेक्ट है बर्ड एवियेरी

बता दें कि यह चंडीगढ़ के पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उनके आइडिया पर ही यहा काम शुरू हुआ। उसके बाद से ही इसे बहुत तेजी से पूरा किया जा रहा था। कई संस्थाओं की आपत्ति को देखते हुए मिनिस्ट्री ने इस पर रोक लगा दी थी। प्रोजेक्ट का काम 80 फीसद पूरा हो चुका है। 40 दुर्लभ प्रजाति के बर्ड्स चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। अभी तक एवियेरी शुरू हो चुका होता अगर यह आपत्ति नहीं लगती।

सिटी फॉरेस्ट में रखे गए हैं पक्षी

इन दुर्लभ किस्म के पक्षियों को एवियेरी के पास ही सिटी फॉरेस्ट में बने वेटनरी हॉस्पिटल में रखा गया है। यह वेटनरी हॉस्पिटल वन्य जीवों के लिए बनाया गया था। गु्रप में यह पक्षी महीने भर से चंडीगढ़ लाए जा रहे हैं। अब लगभग सभी पक्षी चंडीगढ़ आ चुके हैं। बर्ड एवियेरी में 40 दुर्लभ प्रजाती के करीब 1500 पक्षी रखे जाने हैं। एवियेरी के प्रोजेक्ट पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें से लगभग एक तिहाई राशि एग्जॉटिक बर्ड्स को खरीदने में खर्च हुई है। विदेशी सप्लायर्स से लाने के बाद इन पक्षियों को हॉस्पिटल में ही पिंजरों में रखा जा रहा है।

मेनका गाधी मैं जताई थी आपत्ति

इस प्रोजेक्ट की शिकायत पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गाधी से भी की गई थी। शिकायत पर मेनका गाधी ने एवियेरी को गैर कानूनी बताते हुए इस पर तुरंत रोक लगाने के लिए कहा था। साथ ही इंटरनेशनल मार्केट से पक्षी खरीदे जाने की वजह से भ्रष्टाचार की आशका भी जताई थी। हालाकि इस पर प्रशासन ने जवाब भेज दिया था।

शहर के संगठन बता रहे गलत

सेकेंड इनिंग्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरके गर्ग इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं। वह लगातार इसकी शिकायत कंपीटेंट अथॉरिटी और मिनिस्ट्री को लेटर भेजकर करते रहे हैं। गर्ग के लेटर पर ही मिनिस्ट्री ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई थी। गर्ग ने कहा था कि पक्षियों को इस तरह से कैद कर पिंजरों में रखना गैर कानूनी है। यह जू खोलने के नियमों का भी उल्लंघन है।

मिलेगा फ्री फ्लाई जोन

60 गुणा 40 मीटर के दो एरिया यानी 2400-2400 स्क्वेयर मीटर एरिया को बर्ड एवियेरी के लिए रखा गया है। बर्ड पार्क में पक्षियों को फ्री फ्लाई जोन मिलेगा। इसका कारण यह है कि एवियेरी की हाइट देश में अभी तक बने सभी एवियेरी से ज्यादा रखी गई है। यह नेचुरल हेबिटेट वाला एवियेरी होगा।


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