पापा कहते थे पढ़ाई पर ध्यान दो, मैं गोल्फ से दिल लगा बैठा : जीव मिल्खा सिंह
पदमश्री गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि बचपन में पढ़ाई न करने की वजह से अक्सर उन्हें पिता से डाट पड़ती थी।
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : दुनियाभर में फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर पदमश्री मिल्खा सिंह अपने बेटे जीव मिल्खा सिंह को बचपन में अक्सर खेल की बजाय पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे। पदमश्री गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि बचपन में पढ़ाई न करने की वजह से अक्सर उन्हें पिता से डाट पड़ती थी। वह अक्सर कहते कि मैंने तो खेल में पढ़ाई कर ली है, लेकिन तुम अपनी पढ़ाई तरफ अच्छे से करो।
जीव बताते हैं कि वह पिता के साथ गोल्फ क्लब जाने लगे। इसी दौरान गोल्फ के प्रति उनका आकर्षण बढ़ा। उन्होंने कहा कि मैंने गोल्फ को चुना और यकीनन उसमें अच्छा किया। खेल जगत हम हीं बाप -बेटा ऐसे होंगे, जिन दोनों को पदमश्री मिला है। मैं भी अपने बेटे हरजय को कभी गोल्फ का ज्ञान नहीं देता हूं, अभी वह कोच जस्सी ग्रेवाल के पास कोचिंग ले रहा है। अभी छोटा है इसीलिए उस पर कोई दबाब नहीं है। उसे अपने भविष्य का फैसला खुद करना है। मैं उसे वैसे ही आजादी दूंगा, जैसी मेरे पिता ने मुझे दी थी। अब गोल्फ को बतौर करियर लेकर खेलते हैं युवा खिलाड़ी
जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि अब युवा खिलाड़ी गोल्फ की बतौर करियर प्रेक्टिस करते हैं। युवा गोल्फर्स में गोल्फ की काफी अच्छी समझ है। वह अपने खेल को निखारने के लिए न सिर्फ मेहनत करते हैं बल्कि अलग-अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेकर अपने खेलने का स्टाइल भी अपडेट करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जमाने में 5 से 6 बच्चे गोल्फ खेलते थे। आज चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में 60 से ज्यादा बच्चे रेगुलर कोचिंग ले रहे हैं। इन युवा गोल्फर्स से बात करने पर आप अनुभव करेंगे की वे टेक्नीकली कितने मजूबत हैं और उनमें कितना आत्मविश्वास है। चंडीगढ़ गोल्फ क्लब से भविष्य में निकलेंगे कई खिलाड़ी जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ गोल्फ क्लब शहर के बीचोबीच है। शहर के किसी भी कोने से आप 15 से 20 मिनट में गोल्फ क्लब में पहुंच सकते हैं। इसके अलावा गोल्फ क्लब में कोचिंग से लेकर फिजियो तक की सुविधा मिल रही है। शुभाकर, अजितेश और हरिंदर सिंह जैसे गोल्फर्स को देखकर यकीनन युवा गोल्फर्स को प्रेरणा मिलेगी। अनुभव और फिटनेस का काफी महत्व
जीव ने कहा कि गोल्फ के लिए आपका अनुभव काफी अहम रहता है। यह फिजिकल के साथ माइंड गेम है। इसमें गोल्फ कोर्स के हिसाब से अलग-अलग रणनीति बनानी पड़ती है। यह सब अनुभव से ही आता है। इसके अलावा फिटनेस भी काफी अहम होती है। मौजूदा दौर टाइगर वुड्स सबसे अनुभवी गोल्फर हैं। अभी 4 से 5 साल तक दुनिया टाइगर वुड्स के खेल का लुत्फ उठा सकती है। जल्द जीतूंगा बड़ा टूर्नामेंट
जीव मिल्खा सिंह ने बताया कि वह 47 साल के हो गए हैं। बावजूद इसके उनके हौसले बुलंद है और वह जल्द कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतेंगे। उन्होंने बताया कि इसी महीने वह दिल्ली में पैनासोनिक प्रोफेशनल गोल्फ टूर्नामेंट और उसके बाद नंवबर में जीव मिल्खा सिंह इंविटेशनल गोल्फ टूर्नामेंट खेलेंगे। जीवन परिचय
नाम : जीव मिल्खा सिंह
जन्म : 15 दिसंबर 1971
हाइट : 6 फीट
प्रोफेशनल प्रतियोगिता में जीत : 20
सम्मान : अर्जुन अवार्ड (1999), पदमश्री (2007)
परिजन : पिता पदमश्री मिल्खा सिंह, माता निर्मल कौर (भारतीय महिला वालीबॉल टीम की पूर्व कप्तान)
पत्नी : कुदरत
बेटा : हरजय