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Farmers Protest: पंजाब के प्रगतिशील किसान की सीख- पानी के बहाव के विपरीत तैर कर किसान खोजें राह

Farmers Protest पंजाब से काफी संख्‍या में किसान हरियाणा-दिल्‍ली बार्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में कर रहे हैं दूसरी ओर प्रगतिशील किसानों की सोच अलग है। प्रगतिशील किसान अवतार सिंह का कहना है कि किसान पानी के बहाव के विपरीत तैर कर तरक्‍की राह पर चलें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 01:35 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 01:35 PM (IST)
Farmers Protest: पंजाब के प्रगतिशील किसान की सीख- पानी के बहाव के विपरीत तैर कर किसान खोजें राह
पंजाब के प्रगतिशील किसान अवतार सिंह। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। काफी संख्‍या में पंजाब के किसान कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्‍ली की सीमा पर पहुंचकर धरना दे रहे हैं। उनको कृषि कानूनों को लेकर कई तर‍ह केे संशय हैं, पंजाब में ही कई ऐसे किसान भी हैैं जो पारंपरिक माडल से अलग हटकर खेती कर सफल हो रहे हैैं। उन्हीं में से एक हैैं मोहाली के तीड़ा के प्रगतिशील किसान (Progressive farmer) अवतार सिंह सैणी। वह आंदोलनकारी किसानों को बड़ी सीख देते हैं। उनका कहना है कि किसानों को तरक्‍की की राह पर आगे बढ़ना है तो पानी के बहाव के खिलाफ तैरना होगा।

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दो एकड़ में खेती करने वाले अवतार सिंह ने कहा, प्रदर्शन में जाने की जरूरत नहीं

उनका कहना है कि जब आपके पास जमीन कम हो तो आप बाजार पर निर्भर नहीं रह सकते हैैं। कोई आपको टिकने भी नहीं देगा। इसलिए पानी के बहाव के विपरीत दिशा में तैरकर आपको अपनी राह बनानी होगी। उन्होंने कहा, यह मैैंने अपने खेती के अनुभव से यही सीखा है। अवतार सिंह ने कहा कि उन्हें धरने प्रदर्शनों में जाने की जरूरत नहीं है। अगर मैं अपने दो उत्पादों की डायरेक्ट सेल कर सकता हूं, तो और किसान इस तरह के प्रयोग क्यों नहीं कर सकते। चंडीगढ़ जैसा शहर छोड़कर वह अपने फार्म पर जाकर रहने लगे हैं, जहां न तो उन्हें कोविड के कारण लाकडाउन जैसी स्थिति का डर है और न ही काम धंधा बंद होने का।

बोले, कम जमीन वाले किसान बाजार पर निर्भर नहीं रह सकते

दरअसल, सितंबर 2016 में अवतार सिंह अपनी बेटी की शादी के लिए रिश्तेदारों को मिठाई का डिब्बा और कार्ड देने की योजना बना रहे थे। तब उन्हें ख्याल आया कि क्यों न वह अपने खेत में उगाई गई हल्दी रिश्तेदारों को भेंट करें। परिवार के लोगों से बात की तो वे भी राजी हो गए। उन्होंने शहद और हल्दी के दो सौ डिब्बे पैक करवाकर रिश्तेदारों और नजदीकियों को बांट दिए। इनमें दो आइएएस अधिकारियों गुरप्रीत कौर सपरा और गिरीश दयालन भी थे, जिन्होंने एक - एक सौ डिब्बे बनाने का आर्डर दिया।

बेटी के विवाह पर रिश्तेदारों को शहद के साथ बांटी अपने खेत की हल्दी

दो एकड़ जमीन वाले अवतार सिंह सैणी जैसे किसान, छोटे किसानों को नई राह दिखा रहे हैैं। पिछले चार साल से अपने उत्पाद के डिब्बे तैयार कर रहे अवतार सिंह के प्रयास ऐसे ही सफल नहीं हुए। उन्होंने आर्गेनिक तरीके से हल्दी की खेती की और कई लैब टेस्ट करवाकर अपने उत्पाद का लोहा मनवाया। वह हल्दी पैदा करने के बाद अपने खेत में लगाए गए ब्वायलर में उबालकर सुखाते हैं और पैकिंग भी खुद करते हैं। एक वर्ष में 18 क्विंटल हल्दी पाउडर मिल जाता है जो सारा वर्ष बिकता है। अब उन्होंने प्याज और लहसुन की खेती भी शुरू कर दी है।

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बेटे की नौकरी छुड़वाई, अब साथ काम कर रहा

अवतार सिंह ने दो साल पहले एक निजी फर्म में काम कर रहे अपने बेटे मनवीर को नौकरी छोड़कर फार्म पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। बेटे ने भी नौकरी छोड़ दी। उनकी बेटी की ओर से शुरू किए गए आनलाइन हल्दी बेचने के कांसेप्ट को उनका बेटा आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने अच्छी नस्ल के कुत्तों की अपने फार्म पर ब्रीडिंग शुरू कर दी है, जिसमें मनवीर काफी दिलचस्पी दिखा रहा है। इसे लेकर लोगों का उनके फार्म पर आना - जाना लगा रहता है।

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