यह दीवानगी की हद है, पर लोग पागल कहते हैं
मोहाली : यह दीवानगी की हद है, पर लोग पागल कहते हैं। अभिनेता धर्मेद्र का फैन रिक्शे की सवारी कर वैष्णो देवी जाने के लिए बिहार से चलकर मोहाली पहुंचा।
सतविंदर सिंह धड़ाक, मोहाली :
यह दीवानगी की हद है, पर लोग पागल कहते हैं। आज के तेजतर्रार युग में भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो साधनों की कमी के बावजूद भी अपनी जिंदगी का मजा उठाते हैं। बेशक इनमें कोई रिकॉर्ड बनाने की भूख नहीं होती, पर काम ऐसे कर जाते हैं कि रिकॉर्ड बन जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं बिहार के जिला छपरा के रहने वाले धनई शाह। जो अपने आपको धर्मेद्र का सबसे बड़ा फैन कहते हैं। उनकी दीवानगी के चलते ही उन्होंने रिक्शा के ऊपर दुनिया की सैर करने की ठानी है। यह पहली बार नहीं, तीसरी बार है, जब तीन हजार किलोमीटर का सफर उन्होंने रिक्शे पर तय किया है। छपरा से दिल्ली होते हुए पठानकोट के रास्ते वे दिल्ली के लिए चले हैं। इससे पहले वे श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर में माथा टेकने के बाद वैष्णो देवी रवाना होंगे। मंगलवार देर रात को वे दैनिक जागरण मोहाली के कार्यालय पहुंचे और अपने अनुभव बताए। आठ दिसंबर को मायानगरी में देंगे धर्म पाजी को बधाई
धनई शाह बोले कि धर्मेद्र के बहुत बड़े फैन हैं और बिहार से पहले माता वैष्णो देवी के दर्शन करेंगे और रास्ते में जितने भी गुरुधाम हैं, उन पर नतमस्तक होते हुए मायानगरी मुंबई पहुंचेंगे। आठ दिसंबर तक वहां पहुंचकर अपने चहेते फिल्म स्टार धर्मेद्र के 83वें जन्मदिन पर बधाई देंगे। इसके बाद वे राजस्थान के अलावा दर्शन करने के बाद कन्याकुमारी की ओर रवाना होंगे। मानते हैं, 10वीं पास करने से पहले फिल्में देखना ठीक नहीं
धनई शाह ने बीए की है और उनकी बोलचाल से सादे जीवन का पता चलता है। यह सुनकर आपको आश्चर्य होगा कि धर्मेद्र का सबसे बड़ा फैन होने का दावा करने वाले धनई का मानना है कि बच्चों को दसवीं कक्षा पास करने से पहले सिनेमा नहीं देखना चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए। नहीं की शादी
धनई शाह ने बताया कि उनका बड़ा सपना फिल्म स्टार धर्मेद्र की तरह एक नायक बनने का था। पर वे इसे पूरा नहीं कर सके। चालीस साल की उम्र में उनके भाइयों ने जबरन उनकी शादी 20 साल की लड़की से करवाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। शाह पूरी दुनिया घूमने का इरादा रखते हैं और एक माह, एक दिन पहले बिहार से चले थे। अब इसके बाद लुधियाना जाएंगे। पैसे इकट्ठे कर शुरू करते हैं यात्रा
शाह ने बताया कि वे जब किसी शहर में पहुंचते हैं, वहां कुछ दिन रिक्शा चलाते हैं। कुछ पैसे कमाकर उसी से रोटी-पानी का खर्चा निकालते हैं। इसके बाद अपना सफर तय करते हैं। किसी से मांगना उनके मंजूर नहीं।