चंडीगढ़ के GMCH-32 में अंतिम संस्कार के लिए बच्चे का शव न देने पर परिजनों का हंगामा
डॉक्टरों से बातचीत की गई ताे उन्हाेंने बताया कि बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। ऐसे में बच्चे की मौत का कारण पता लगाने के लिए उसका पोस्टमार्टम करना जरूरी है।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में रविवार सुबह सेक्टर-26 बापूधाम कॉलोनी के रहने वाले कुछ लोगों ने जमकर बवाल काटा। दरअसल, बीते रोज सेक्टर-26 बापूधाम कॉलोनी फेज तीन के मकान नंबर-73 के रहने वाले पेरूमल ने बताया कि उसके सात साल के भांजे को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।
उसके भांजे का पहले जीरकपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। लेकिन अचानक उसकी तबीयत खराब होने के कारण बीते रोज उसे जीएमसीएच-32 के लिए रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही एंबुलेंस में उसके सात साल के भांजे की मौत हो गई। पेरूमल ने बताया जीएमसीएच-32 अस्पताल के डाॅक्टरों ने उसके भांजे के शव को मोर्चरी में रखवा दिया था और कहा था कि रविवार सुबह उसका शव अंतिम संस्कार के लिए दे दिया जाएगा।
पेरूमल ने बताया जब वह अपने परिवार के साथ जीएमसीएच-32 अस्पताल अपने भांजे का शव अंतिम संस्कार के लिए लेने के लिए गया। तब अस्पताल के डॉक्टरों ने शव देने से इंकार कर दिया। इस बारे में जब डॉक्टरों से बातचीत की गई, उन्होंने बताया कि बच्चे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है। ऐसे में बच्चे की मौत का कारण पता लगाने के लिए उसका पोस्टमार्टम करना जरूरी है।
इसके अलावा मृतक बच्चे का कोरोना सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। ताकि यह पता चल सके कि बच्चे को कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं था। डॉक्टरों का कहना है कि पाेस्टमार्टम और कोरोना टेस्टिंग में कम से कम दो से तीन दिन लग जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार की गाइडलाइंस को देखते हुए मृतक बच्चे की मौत का कारण पता लगाए बिना अस्पताल प्रशासन की आेर से बच्चे का शव परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंपा नहीं जा सकता।