Move to Jagran APP

केजरीवाल की 'माफी' पर बढ़ी दरार, माफ करने को तैयार नहीं पंजाब के आप नेता

पंजाब आप में केजरीवाल की मजीठिया से मांगी गई माफी को लेकर पार्टी में दरार बढ़ गई है। पंजाब के नेता इससे गुस्से में हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 08:47 AM (IST)
केजरीवाल की 'माफी' पर बढ़ी दरार, माफ करने को तैयार नहीं पंजाब के आप नेता
केजरीवाल की 'माफी' पर बढ़ी दरार, माफ करने को तैयार नहीं पंजाब के आप नेता

चंडीगढ़ [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब का प्रभारी बनने के बाद आधिकारिक तौर पर पहली बार पंजाब आए मनीष सिसोदिया के सामने भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपने-अपने अंदाज में केजरीवाल की माफी को लेकर विरोध जताया। पार्टी के पंजाब दफ्तर का मोहाली में उद्घाटन करने पहुंचे सिसोदिया की कूटनीति भी माफी के मामले में आप विधायकों की नाराजगी दूर कर पाने में सफल नहीं हो पाई।

loksabha election banner

सिसोदिया की प्रेस कांफ्रेंस से नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा सहित ज्यादातर विधायकों ने गायब रहकर इसका साफ संदेश भी दिया। कंवर संधू व सांसद भगवंत मान के विदेश में होने की सूचना है, लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में सर्वजीत कौर माणुके व पिरमल सिंह के अलावा किसी भी विधायक ने शिरकत नहीं की।

बतातें चलें कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले बने सियासी माहौल ने केजरीवाल को सत्ता में आने के सपने दिखाना शुरू कर दिए थे। उसी दौर में पावरगेम में उलझी आप भ्रष्टाचार व टिकटों की बिक्री के आरोपों को लेकर घिर गई। तत्कालीन पंजाब प्रभारी संजय सिंह, दुर्गेश पाठक पर आप नेताओं ने ही खुलकर करोड़ों रुपये लेकर टिकटों के बंटवारे के आरोप लगाए।

पूर्व कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर को पावर गेम के चलते कुर्सी गंवानी पड़ी। नतीजतन छोटेपुर को हटाने के बाद माझा इलाके से गुरप्रीत सिंह वडै़च को कन्वीनर बना दिया गया। इसके बाद केजरीवाल ने संजय सिंह को पीछे करके खुद पार्टी की कमान संभाली और गुजरात चुनाव में ड्यूटी के बहाने आप ने दिल्ली की लीडरशिप को पंजाब से निकाल दिया।

इसके बाद पंजाब के फैसले पंजाब की टीम की तरफ से लिए जाने की मांग उठी और आज तक जारी है। कट्टरपंथियों का साथ और अपनी ही गलत नीतियों के चलते चुनाव के नजदीक आते-आते 80 से 90 सीटें जीतने का सपना देखने वाली आप 20 सीटों में ही सिमट कर रह गई।

नवजोत सिंह सिद्धू और परगट सिंह जैसे नेता आप के दरवाजे से आप की नीतियों की आलोचना करके कांग्रेस का घर आबाद करने पहुंच गए। इसका भी खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा। उस समय केजरीवाल इस आरोप में फंसे कि वह पंजाब में ऐसे नेता चाहते हैं जो उनके इशारों पर काम करें। फिर विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष में बैठी आप के अंदर उठा तूफान थमा नहीं और एडवोकेट एचएस फूलका जैसे विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देकर पार्टी से प्रोफेशनली किनारा करके हलके की सेवा में जुट गए।

नतीजतन केजरीवाल को खुलकर विरोध करने वाले सुखपाल सिंह खैहरा को पार्टी को मजबूरी में नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठाना पड़ा। खैहरा आज भी अपने विचारों पर कायम हैं। चाहे वह पंजाब के फैसले पंजाब के नेताओं की तरफ से लेने की मांग हो या  पंजाब में पार्टी को पंजाबी विरसे के हिसाब से विकसित करनी की मांग या केजरीवाल की तरफ से नशे के मुद्दे पर बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने का विरोध का फैसला हो। सांसद भगवंत मान व प्रदेश उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा आज भी केजरीवाल की माफी के खिलाफ हैं।

सिसोदिया ने इसी वजह से पंजाब की कमान हाथों में आने के बाद भी पहले माफी के विवाद को दिल्ली से बैठकर ठंडा करने की कूटनीति की और उसके बाद भी जब सभी आप नेताओं की नाराजगी कम होती नजर नहीं आई और शाहकोट उप चुनाव नजदीक आ गए तो सिसोदिया को पंजाब का दौरा करना ही पड़ा।

उम्मीद थी कि उनके दौरे तक तमाम मामले ठंडे पड़ जाएंगे और पंजाब में पार्टी का सियासी माहौल बदलेगा, लेकिन शनिवार तक ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया। हालांकि विधायकों के प्रेस कांफ्रेंस से गायब रहने को लेकर बलबीर सिंह ने बचाव करते हुए कहा कि सभी विधायक बैठक में थे।

मैंने सिसोदिया को बता दिया था:खैहरा

खैहरा ने देर शाम सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्रेस कांफ्रेंस से उनकी गैरमौजूदगी का कोई गलत अर्थ न निकाला जाए। वह उस दौरान शाहकोट उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर में शिकायत देने गए थे। इस बारे में उन्होंने सिसोदिया को पहले ही बता दिया था कि वह प्रेस कांफ्रेंस में नहीं पहुंच पाएंगे।

यह भी पढ़ेंः पंजाब में सेनापति के बिना बेलगाम हुई आम आदमी पार्टी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.