अतिक्रमण की आन द स्पाट जुर्माना भुगतने की सुविधा फिर से होगी शुरू
अतिक्रमण होने पर चालान काटने के बाद आन द स्पाट जुर्माना भुगतने का सिस्टम एक बार फिर से शुरू हो सकता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : अतिक्रमण होने पर चालान काटने के बाद आन द स्पाट जुर्माना भुगतने का सिस्टम एक बार फिर से शुरू हो सकता है। व्यापारियों की मांग पर कमिश्नर आनिदिता मित्रा ने अधिकारियों के प्रस्ताव को गौर करने के निर्देश दिए हैं। साल 2021 में आन द स्पाट जुर्माना भुगतकर सामान छोड़ने की स्कीम शुरू हुई थी, लेकिन उसके बाद व्यापारियों ने यह मुद्दा उठाया कि जुर्माना का शुल्क 500 रुपये हैं, जिसमें 1500 रुपये रिमूवल का चार्ज शामिल हैं। ऐसे में जब मौके पर ही सामान को छोड़ा जाना है तो फिर रिमूवल चार्ज क्यों लिया जा रहा है, जिसके बाद इस सुविधा को बंद कर दिया गया था। अब व्यापारी फिर से यह सुविधा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले सप्ताह कुछ व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों की अलग-अलग मुद्दों पर कमिश्नर आनिदिता मित्रा और मेयर सरबजीत कौर से बैठक हुई थी। जिसमें फिर से अतिक्रमण के आन द स्पाट चालान भुगतने की सुविधा की मांग उठाई गई थी। असल में नगर निगम के अधिकारी आन द स्पाट जुर्माना भुगतने की सुविधा तो शुरू करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह लोडिग चार्ज छोड़ने या जुर्माने की राशि कम करने के लिए तैयार नहीं है। जुर्माना का शुल्क दो हजार रुपये तय है। अतिक्रमण तो वैसे ही रहेगा
आन द स्पाट जुर्माना अदा करने का सिस्टम शुरू होने से एक दिक्कत यह है कि इससे अतिक्रमण वैसा ही रह जाएगा। जुर्माना भुगतने के बाद फिर से वही सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया जाएगा। अभी तक चालान कटने के बाद अतिक्रमण हटाओ दस्ता सामान जब्त करके स्टोर ले जाता है। व्यापारी, वेंडर या अतिक्रमण करने वाला इस सामान को छुड़वाने के लिए धक्के खाता है, जिसमें दो दिन लग जाते हैं। ऐसे में व्यापारियों की परेशानी तो बढ़ जाती है, इसके साथ-साथ कई बार जब्त सामान को नुकसान भी पहुंच जाता है। कई बार खाने-पीने की वस्तुएं जब्त हो जाती हैं और दो दिन बाद छुड़वाने पर वह खराब हो जाती हैं। इस समय शहर में वेंडर एक्ट लागू है। दो हजार का कटता है चालान
नगर निगम अतिक्रमण करने वाले का जो दो हजार रुपये का चालान काटता है उसमें चालान की राशि 500 रुपये है और 1500 रुपये रिमूवल चार्जेस के हैं, जो जुर्माने की राशि से भी ज्यादा है। व्यापारी इस पर आपत्ति जता रहे थे कि जब मौके पर ही सामान छोड़ दिया जाता है तो फिर रिमूवल चार्जेस क्यों लिया जा रहा है। जबकि जो बिना लाइसेंस के वेंडर काम कर रहा है उसका चालान 10 हजार रुपये का काटा जा रहा है। कोट्स
शहर के कई व्यापारी दुकान के बाहर एक से दो फीट जगह पर सामान का डिस्प्ले करते हैं, जिसे नगर निगम अतिक्रमण मानता है, जबकि व्यापारियों को बेचने वाले सामान की डिस्प्ले करने की मंजूरी दी जानी चाहिए। आन द स्पाट चालान भुगतने की सुविधा होने से व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी। कमिश्नर के समक्ष यह मामला उठाया गया था।
-संजीव चड्ढा, महासचिव, व्यापार मंडल
पिछले दिनों कमिश्नर के साथ हुई बैठक में आन द स्पाट चालान भुगतने की सुविधा फिर से शुरू करने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। जिस पर कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि यह सिस्टम फिर से शुरू कर दिया जाएगा। व्यापारियों पर यह छोड़ देना चाहिए कि वह आन द स्पाट जुर्माना भुगतना चाहता है या बाद में।
-कैलाश चंद जैन,अध्यक्ष, उद्योग व्यापार मंडल