आग लगने पर सिविल अस्पताल एक्सपायर फायर सेफ्टी उपकरणों से बचाएगा मरीजों की जान
सूरत अग्निकांड में कई छात्रों की मौत के बाद भी मोहाली में कुछ ऐसे विभाग हैं जिन्होंने अबतक इस हादसे से सबक नहीं लिया। हम बात कर रहे हैं सिविल अस्प्ताल फेज-6 मोहाली की जहां दिनभर हजारों की तादाद में मरीजों व उनके परिजनों का आना जाना है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : सूरत अग्निकांड में कई छात्रों की मौत के बाद भी मोहाली में कुछ ऐसे विभाग हैं जिन्होंने अबतक इस हादसे से सबक नहीं लिया। हम बात कर रहे हैं सिविल अस्प्ताल फेज-6 मोहाली की जहां दिनभर हजारों की तादाद में मरीजों व उनके परिजनों का आना जाना है। बावजूद आलम यह है कि हेल्थ डिपार्टमेंट को लोगों की जान की परवाह नहीं है। अस्पताल में फायर सेफ्टी उपकरण एक्सपायर हो चुके हैं। 2014 व 2015 में लगवाए गए इन गैस सिलेंडरों को प्रशासन ने दोबारा कभी रीफिल नहीं करवाया। इन गैस सिलेंडरों की मियाद एक साल की होती है जिन्हें साल बाद या तो बदलना पड़ता है या फिर उन्हें रीफिल करवाना पड़ता है। लेकिन अस्प्ताल प्रशासन ने ऐसा कुछ नहीं किया। सूरत अग्निकांड के बाद जब फायर विभाग पर चेकिग का डंडा आया तो सिविल अस्पताल ने सख्ती के चलते खानापूर्ति करते हुए आग बुझाने वाला एक नया गैस सिलेंडर लगवा लिया जोकि पूरे इमरजेंसी में केवल एक जगह लगा है। अब कोई पूछे अगर कभी अस्पताल में कोई अनहोनी घटना हो गई तो क्या एक गैस सिलेंडर से अस्पताल की आग बुझाई जा सकती है। इससे साफ जाहिर होता है कि अस्पताल प्रशासन इसके लिए गंभीर नहीं है बल्कि खानापूर्ति के नाम पर ऐसा किया जा रहा है। इमरजेंसी में एक नया बाकी सब पुराने उपकरण अस्पताल की इमरजेंसी का जब दौरा किया गया तो वहां केवल एक उपकरण को छोड़कर बाकी सभी उपकरण 2014 के लगे हुए हैं। वहीं, जच्चा-बच्चा वार्ड में फायर सेफ्टी है ही नहीं। अस्प्ताल अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में अलार्म वाले फायर सेफ्टी उपकरण लगवाए गए हैं परंतु यह उपकरण केवल इमरजेंसी में लगा है अगर लेबर वार्ड में आग लग जाए तो वहां तक पहुंचना असंभव है। नोटिस के बाद भी नहीं लिया संज्ञान जिक्रयोग है कि फायर सेफ्टी विभाग की ओर से जब अस्पताल का दौरा किया तो खामियां पाई जाने पर अस्प्ताल प्रशासन को नोटिस जारी किया गया था। फायर सेफ्टी अधिकारी कृष्ण कक्कड़ ने कहा कि नोटिस के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ डीसी मोहाली ने फायर सेफ्टी अधिकारी क्कड़ को रिपोर्ट तैयार करने की हिदायतें जारी कर दी है। पुराने सेफ्टी उपकरण की अब जरुरत नहीं है उसके बदले में अस्पताल में अलार्म वाले सेफ्टी उपकरण लगवा दिए गए हैं। दीवारों पर पुराने फायर सेफ्टी उपकरण को भी बदल दिया जाएगा।
डॉ. मंजीत एसएमओ सिविल अस्पताल।