बहाना फिजिकल बैठक का, असल में भाजपा चाहती है अधिकारियों को घेरना
बेशक भाजपा और मनोनीत पार्षदों का शामिल न होना रहा।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : नगर निगम की वर्चुअल सदन की बैठक मंगलवार को स्थगित होने का कारण बेशक भाजपा और मनोनीत पार्षदों का शामिल न होना रहा। लेकिन असल में लड़ाई भाजपा की नगर निगम के अधिकारियों के साथ है। पार्षद फिजिकल सदन की बैठक बुलाकर कमिश्नर केके यादव सहित अधिकारियों को घेरना चाहते हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि इस समय नगर निगम में अफसरशाही हावी हो रही है, जिस कारण काम न होने से पार्टी को शहर में इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ऑनलाइन सदन की बैठक में पार्षद अधिकारियों को घेर नहीं पाते। मार्च माह से अब तक वर्चुअल ही सदन की बैठक हो रही है। इस समय वित्तीय संकट होने के कारण शहर के सभी काम ठप पड़े हैं। पहली बार हुआ है, जब पार्षदों के वार्ड डेवलपमेंट फंड पर भी रोक लगा दी गई है। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का भी कमिश्नर केके यादव के साथ पिछली सदन की कई बैठक टकराव हो चुका है। पार्षदों का मानना है कि मेयर राजबाला मलिक फिजिकल सदन की बैठक न बुलाकर कमिश्नर सहित अधिकारियों का बचाव कर रही है। ऐसा करके मेयर अपने कार्यकाल को शांति से निकालना चाहती हैं। सिर्फ दो माह का कार्यकाल मेयर का बच गया है। इन मुद्दों पर भाजपा पार्षद चाहते हैं घेरना
इस समय प्रशासन ने पानी के रेट बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसे भाजपा पार्षद रिवाइज करवाना चाहते हैं। वाटर सप्लाई कमेटी के चेयरमैन अनिल दूबे अधिकारियों को रिवाइज एजेंडा लाने के लिए कह चुके हैं, लेकिन अधिकारी रेट कम करने का प्रस्ताव लाने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके साथ ही शहर में बिना लाइसेंस के काम कर रहे स्ट्रीट वेंडर्स और दुकानदारों के अतिक्रमण के चालान काट रहे हैं। लेकिन भाजपा चाहती है कि कोरोना काल में राहत दी जाए। जिसके लिए अधिकारी तैयार नहीं हैं। भाजपा पार्षदों का मानना है कि इस समय अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। जिसको भाजपा अध्यक्ष खुद भी प्रशासक को अवगत करवा चुके हैं। पिछले माह से कमिश्नर के निजी सचिव को थप्पड़ मारने की घटना के बाद भाजपा और अधिकारियों के बीच तनातनी ज्यादा बढ़ गई है।
टिकट के लिए भाजपा अध्यक्ष को नहीं करना चाहते नाराज
मेयर राजबाला मलिक के करीबी पार्षद भी सदन की बैठक में नहीं आए। असल में सभी पार्षदों की एकजुटता का कारण यह है कि अगले साल नगर निगम चुनाव है और फिर से टिकट लेने के लिए वह भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते। कई मनोनीत पार्षद भी भाजपा से टिकट चाहते हैं। बहिष्कार करके सूद गुट ने भी साबित करने का प्रयास किया है कि सभी पार्षद अफसरशाही के खिलाफ उनके साथ हैं। वे खुद कोरोना के कारण मौत से बचकर आई हैं। इस समय भी कोरोना लगातार बढ़ रहा है। वह यह नहीं चाहती कि फिजिकल सदन की बैठक बुलाकर दूसरे पार्षदों की जान जोखिम में डालें। इसलिए ही वर्चुअल सदन की बैठक रखी गई। शहर के विकास के लिए वे सभी पार्षदों का हित चाहती हैं। वह इस बारे में नहीं जानती कि क्यों भाजपा और मनोनीत पार्षद वर्चुअल सदन की बैठक में नहीं आएं। वे सभी पार्षदों से जल्द बात करेंगी।
-राजबाला मलिक, मेयर