पिता ने की जिद्द पूरी, बेटे ने जिद्द को ही बना लिया जुनून
जीएमएसएसएस-37 में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला आदित्य सूद पिछले दो महीनों में तीन बड़ी प्रतियोगिताएं जीत चुका है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़
बच्चों की जिद्द घड़ी दो घड़ी होती है, लेकिन कई बार यह जिद्द जुनून में बदल जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ रमेश कुमार सूद के साथ। सेक्टर-38 में करियाना की दुकान करने वाले रमेश 2014 में अपने परिवार के साथ सुखना लेक पर घूमने गए। इस दौरान वह चंडीगढ़ गोल्फ कोर्स की तरफ चले गए। गोल्फ कोर्स में चिल्ड्रन कैंप लगा था, जहां कुछ बच्चे प्रेक्टिस कर रहे थे। इन बच्चों को खेलते देख उनका 10 साल का बेटा आदित्य भी गोल्फ खेलने की जिद्द करने लगा। उस समय तो वह आदित्य को डांट कर वापस ले आए, लेकिन उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। बेटे ने दूसरे दिन भी जिद्द की तो उन्होंने उसे गोल्फ कैंप में भेजना शुरू कर दिया। आज उन्हें अपने उस फैसले पर गर्व हैं, क्योंकि उनका बेटा आदित्य अब तक गोल्फ की जूनियर कैटेगरी में 100 से ज्यादा टूर्नामेंट जीत चुका है। दो माह में जीती तीन बड़ी प्रतियोगिताएं
जीएमएसएसएस-37 में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला आदित्य सूद पिछले दो महीनों में तीन बड़ी प्रतियोगिताएं जीत चुका है। 25 से 29 जून को गुरुग्राम में स्थित जेपी ग्रीन गोल्फ कोर्स में आईजीयू येस बैंक नोर्थन इंडिया टूर्नामेंट में वह विजेता रहा। 18 से 22 जून को रामबाग गोल्फ क्लब में आयोजित राजस्थान जूनियर नेशनल ब्वॉज गोल्फ टूर्नामेंट बी कैटेगरी में सेकेंड रहा। 6 जुलाई को चंडीगढ़ क्लब में आयोजित ओजी ग्रुप बी कैटेगरी गोल्फ टूर्नामेंट में भी विजेता रहा। मेरे लिए मुश्किल पर बेटे की खुशी के आगे बेबस
पिता रमेश कुमार सूद ने बताया कि उनकी करियाना की छोटी सी दुकान है। महंगाई के दौर में सबसे बड़ी मुश्किल घर का गुजारा होता है, लेकिन बेटे की जिद्द से बढ़कर कुछ नहीं है। गोल्फ काफी महंगा खेल है। ऐसे में उनकी कमाई का ज्यादातर हिस्सा आदित्य के खेल में ही चला जाता है। खुशी इस बात की है कि आदित्य गोल्फ को लेकर काफी गंभीर है और अबतक कई प्रतियोगिताओं में खुद को साबित कर चुका है। आदित्य का जुनून ही उसकी कामयाबी का राज : महेश कुमार
कोच महेश कुमार ने बताया कि आदित्य ने छोटी सी उम्र में खुद को साबित कर दिया है। कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर आदित्य से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। खास बात यह है कि उसे गोल्फ की काफी समझ है। वह जानता है कि उसे कैसा शॉट खेलना है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह एक दिन जरूर गोल्फ का बड़ा खिलाड़ी बनेगा। टाइगर वुड्स को ही आदर्श मानकर खेलता हूं : आदित्य
आदित्य सूद का कहना है कि अभी तक वह जूनियर कैटेगरी में खेलता है, इसके बाद एमच्योर और फिर प्रोफेशनल कैटेगरी में खेलेगा। उसका सफर काफी लंबा है, लेकिन उसे उम्मीद है कि वह एक दिन जरूर अपनी मंजिल को हासिल करेगा। आदित्य ने बताया कि उसे टाइगर वुड्स की तरह गोल्फ की दुनिया में नाम कमाना है और वह उन्हीं को अपना आर्दश मानकर खेलता है।
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