..कविता के हर मौसम को लिखा है
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हर मौसम पर कविता होती है और हर कविता का अपना मौसम होता है। ये मौसम
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हर मौसम पर कविता होती है और हर कविता का अपना मौसम होता है। ये मौसम बनता है, जब आप उसे सुनते हैं। इश्क, सुख, दुख, प्यार और कई मौसम से लिपटी कविताएं, लिखी है, जिसमें कविता का हर मौसम है। कवियित्री सुदर्शन वालिया ने कुछ इसी अंदाज में अपने नए पंजाबी काव्य ग्रंथ सुरांगले मौसम का विमोचन किया। प्रेस क्लब-27 में आयोजित एक कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन के दौरान डॉ. रतन सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसके अलावा लेखक डॉ. सरबजीत सिंह, सुशील दोसांझ, जगपाल वालिया, केदारनाथ केदार, योगराज और डॉ. दविंदरजीत कौर भी शामिल हुए। उम्र का देखा हर मौसम कैद है कविताओं में
सुदर्शन ने किताब में 52 कविताएं लिखी हैं। कहा कि एक लंबे समय के बाद कविता से जुड़ा संग्रह लॉन्च किया है। इससे पहले एक अन्य संग्रह और तीन गजल संग्रह रिलीज हो चुके हैं। जिसमें पहला संग्रह पहली फुहार वर्ष 1997 में विमोचित किया गया था। इस संग्रह को मैं अपने पति और पंजाबी शायर आरएस वालिया फराज को समर्पित किया है। जिन्होंने इसे प्रकाशित करने में मदद की।
एक जिंदगी जीने जैसी हैं कविताएं
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. रतन सिंह ने कहा कि इस कविता संग्रह में एक उम्र जीने जैसा मजा है। पूरी उम्र का निचोड़ है इसमें। जो व्यक्ति समझता है और दिमाग में एकत्रित करता है। यह दूसरों को भी अपनी ओर खींचता प्रतीत होता है। वही, शब्दों के रूप में भी इस काव्य संग्रह में बहुत कुछ मिलता है।