रिश्तों पर आधारित है हर कविता
कवयित्री डॉ. प्रज्ञा शारदा के नव प्रकाशित काव्य संग्रह खुशबू रिश्तों की का विमोचन साहित्यकारों और पत्रकारों की उपस्थिति में हुआ।
जासं, चंडीगढ़ : कवयित्री डॉ. प्रज्ञा शारदा के नव प्रकाशित काव्य संग्रह खुशबू रिश्तों की का विमोचन साहित्यकारों और पत्रकारों की उपस्थिति में हुआ। जिसमें शारीरिक दूरी को ध्यान में रखा गया। इस अवसर पर साहित्यकार प्रेम विज और केके शारदा (अध्यक्ष-आचार्य कुल चंडीगढ़, स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन) चंडीगढ, (पंजाब) उपस्थित रहे। इस काव्य संग्रह में 66 कविताओं को एक माला के रूप मे पिरोया गया हैं। जिसका हर मोती जीवन के किसी न किसी रिश्ते को दर्शाता है। कविताएं दिल को छूने वाली हैं तथा भिन्न-भिन्न सामाजिक रंग दिखाती है। डॉ. प्रज्ञा शारदा दो बाल काव्य संग्रह व एक कहानी संग्रह साहित्य को समर्पित कर चुकी है। वे दो बार चंडीगढ़ साहित्य अकादमी से सम्मानित हो चुकी हैं तथा अन्य अनेकों पुरस्कार व सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। उनका कहना हैं कि उन्हें लिखने की प्रेरणा पूर्व पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से मिली। रिश्तों की महक है कविता में
डॉ. प्रज्ञा शारदा ने कहा कि रिश्तों पर लिखना हमेशा मुश्किल होता है। इस पर काफी कुछ लिखा गया है। रिश्ता केवल एक नहीं होता। मैं खुद एक मां, बेटी, बहन, दोस्त और कई रिश्ते निभाती हूं। हर रिश्ते की खूबसूरती होती है। इसमें मैंने अलग-अलग रिश्ते और उससे जुड़ी खूबसूरती को दिखाया है। कई कविताएं वर्षो पुरानी है तो कई हाल ही में लॉकडाउन में लिखी। कविताओं को लिखना इसलिए भी मुश्किल होता है, क्योंकि हमें कम शब्दों में बेहद गहराई में जाकर बातों को समझाना होता है। ऐसे में यह संग्रह मेरे लिए बेहद खास रहा। मुझे खुशी है कि ऐसे मुश्किल वक्त में जब रिश्ते एक दूसरे के काम आ रहे हैं मैं इस काव्य संग्रह का विमोचन कर पा रही हूं। उम्मीद है इससे हर रिश्ता और खूबसूरत और हर किसी के जीवन में रिश्तो की अहमियत का पता चल सकेगा।