डीजीपी के ट्रांसफर से दौरान पहले भी हुआ फर्जीवाड़ा, अब मास्टरमाइंड उगलेगा राज
पंजाब पुलिस महकमे से जुड़े फर्जी प्रमोशन मामले के सामने आने के बाद इस तरह के कई गुनाहों की परतें खुलने लगी हैं। विभाग के अंदर पिछले कई वर्षों से सक्रिय गैंग पहले भी डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) के ट्रांसफर पर नजर बनाए रखता था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़
पंजाब पुलिस महकमे से जुड़े फर्जी प्रमोशन मामले के सामने आने के बाद इस तरह के कई गुनाहों की परतें खुलने लगी हैं। विभाग के अंदर पिछले कई वर्षों से सक्रिय गैंग पहले भी डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) के ट्रांसफर पर नजर बनाए रखता था। एसआइटी को शक है कि फर्जी हस्ताक्षर के दम पर इस तरह की बड़ी गड़बड़़ी का सिलसिला लंबे समय से चल रहा था। इसमें ट्रांसफर-पोस्टिग के अलावा विभागीय जांच में राहत सहित रिक्रूटमेंट करने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि, अब तक इस मामले में एसआइटी की ओर से कुछ खुलासा नहीं किया गया है। फिर भी मामले में मास्टरमाइंड माना जा रहा एसआइ हरविदर सिंह ही इस खेल का पर्दाफाश कर सकता है।
एक दिन पहले ही विभाग की तरफ से जारी बयान में एसआइटी की ओर से फर्जी हस्ताक्षर के जरिये रिक्रूटमेंट और प्रमोशन की बात कही गई थी। जबकि एक इंस्पेक्टर के मामले में विभागीय जांच भी दिखाई गई है। मगर अभी तक उस इंस्पेक्टर का नाम और उसके खिलाफ जांच की वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
सूत्रों के अनुसार मामले में फरार चल रहे सब इंस्पेक्टर हरविदर सिंह के बेटे सहित एक पूर्व अधिकारी के बेटे को फर्जी हस्ताक्षर पर रिक्रूट करने की बात सामने आ रही है। लेकिन, अभी तक एसआइटी की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है। आरोपितों के बैंक खातों की भी मांगी डिटेल
एसआइटी आरोपित इंस्पेक्टर सतवंत सिंह सिद्धू, ड्रग केस में बर्खास्त सब इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह, सुपरिंटेंडेंट संदीप कुमार, बहादुर सिंह और हेड कांस्टेबल मनी कटौच से लगातार पूछताछ करने में लगी है। वहीं, उनके बैंक खाते की डिटेल भी मांगी है। इसके अलावा आरोपितों के मोबाइल फोन, आरोपित से जब्त लैपटाप सहित अन्य उपकरण से फर्जीवाड़ा उजागर करने में लगी है। यह है मामला -
आठ जनवरी 2022 को पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ देर पहले ही पुलिस विभाग में 11 मुलाजिमों की प्रमोशन लिस्ट जारी हुई थी। इसमें सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, सीनियर कांस्टेबल, कांस्टेबल सहित अन्य मुलाजिमों के नाम शामिल थे। इस समय पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के फर्जी हस्ताक्षर थे। डीजीपी आफिस से प्रमोशन को रोक डीएसपी ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी। सेक्टर-3 थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ धारा 419, 420, 464, 465, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया है। मामले की जांच एसपी सिटी केतन बंसल के सुपरविजन में एसआइटी कर रही है।