रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट क्लीयरेंस के लिए बनेगी एनवायरमेंटल कमेटी
रेलोपॉलिश कमर्शियल प्रोजेक्ट के दायरे में तीन सौ से अधिक पेड़ भी आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : रेलवे स्टेशन के पास करीब 30 एकड़ जमीन पर डेवलप होने वाले रेलोपॉलिश कमर्शियल प्रोजेक्ट के दायरे में तीन सौ से अधिक पेड़ भी आ रहे हैं। इन पेड़ों को काटने और प्रोजेक्ट की क्लीयरेंस के लिए एनवायरमेंटल कमेटी का गठन होगा। इसमें यूटी प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे। यह कमेटी प्रोजेक्ट के आड़े आने वाले जरूरी पेड़ों को काटने की मंजूरी देगी। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने अपनी जमीन पर केवल कमर्शियल पेड़ ही लगा रखे हैं। जिनमें सफेदा और दूसरे पेड़ शामिल हैं। ऐसे में इन्हें काटने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। रेलवे की जमीन पर डेवलपमेंट को देखते हुए ही कमर्शियल पेड़ लगाए गए थे। प्रोजेक्ट में देरी न हो, इसलिए प्रशासन प्रोजेक्ट संबंधी मामले देखने के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करेगा। परिदा ने दिया है हरसंभव मदद का भरोसा
साथ ही एनवायरमेंटल कमेटी एनवायरमेंट संबंधी क्लीयरेंस देखेगी। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन के एमडी एंड सीईओ एसके लोहिया का कहना है कि एडवाइजर मनोज कुमार परिदा का रवैया उनके प्रोजेक्ट के प्रति सकारात्मक है। उन्होंने इसके लिए हरसंभव मदद की बात कही है। प्रोजेक्ट की अधिकतर डेवलपमेंट पंचकूला की तरफ
इस प्रोजेक्ट में मॉल, स्कूल, हॉस्पिटल, मार्केट बहुत सी कमर्शियल डेवलपमेंट होनी है। कुल 25 लाख स्क्वेयर मीटर में से 30 प्रतिशत एरिया में रेजिडेंशियल डेवलपमेंट होंगी। इसमें फ्लैट बनेंगे। जिसे कांट्रेक्ट कंपनी ही सेल करेगी। प्रोजेक्ट में अधिकतर डेवलपमेंट पंचकूला की तरफ होनी है। रेलवे की अधिकतर जमीन भी पंचकूला की तरफ ही खाली है। हालांकि रेलवे लाइन से दोनों तरफ जमीन चंडीगढ़ की ज्यूरिडिक्शन में ही आती है। इसलिए प्रोजेक्ट चंडीगढ़ में गिना जाएगा। प्रोजेक्ट डेवलप होने के बाद चंडीगढ़ पंचकूला से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा। रेलवे स्टेशन और मध्य मार्ग के बीच डेवलप होने वाले आरयूबी से दोनों शहर कनेक्ट होंगे। यह आरयूबी इंडस्ट्रियल एरिया और पंचकूला के सेक्टर-17-18 को जोड़ेगा।