उद्योग जगत की शिकायत कैबिनेट मंत्री सोनी पर पड़ी भारी, पर्यावरण महकमा छिना
उद्योग जगत की नाराजगी पंजाब के कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी को भारी पड़ गई। उद्योग जगत की शिकायत के बाद उनसे पर्यावरण विभाग वापस ले लिया गया है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिक्षा व पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी से पर्यावरण महकमा वापस ले लिया है। माना जा रहा है कि उद्योग जगत की शिकायतें सोनी पर भारी पड़ी हैं। पर्यावरण को मुख्यमंत्री ने अपने पास ही रखा है, जबकि सोनी को फूड प्रोसेसिंग विभाग दिया है। शिक्षा विभाग उनके पास बना रहेगा।
सीएम के पास रहेगा यह महकमा, सोनी को दिया फूड प्रोसेसिंग विभाग
सोनी से पर्यावरण विभाग वापस लेने की नींव दीपावली से पहले ही पड़ गई थी। जानकारी के अनुसार दीपावली के दौरान उद्यमियों से मुलाकात को लेकर काफी शिकायतें आ गईं। सोनी भले ही मुख्यमंत्री के करीबी हों लेकिन उद्योग जगत में जिस प्रकार से सरकार की छवि खराब हो रही थी उससे मुख्यमंत्री खासे खिन्न हो गए थे।
मुख्यमंत्री कतई नहीं चाहते हैं कि उद्योग जगत में सरकार की छवि पर कोई दाग आए। यही कारण है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी के साथ मुलाकात के दौरान सोनी के मुद्दे पर भी चर्चा की थी। राहुल ने भी इसकी मंजूरी दे दी थी। इसके तुरंत बाद ही तय हो गया था कि सोनी के पर कतरे जाएंगे।
जानकारी के अनुसार पर्यावरण को लेकर सोनी उद्योग जगत में बदनाम हो रहे थे। दीपावली से पूर्व जब पंजाब के प्रमुख उद्योगपति मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे तो यह मुद्दा बड़ी गंभीरता से रखा गया। जिसके बाद ही यह तय हो गया था कि मुख्यमंत्री सोनी से पर्यावरण महकमा वापस ले सकते हैं। मुख्यमंत्री का अपनी कैबिनेट में यह दूसरा बड़ा फैसला है। पहले ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा हुआ था।
एनजीटी की भी रही भूमिका
सोनी से पर्यावरण विभाग वापस लेने में कुछ हद तक एनजीटी के फैसलों ने भी भूमिका अदा की। जल प्रदूषण को लेकर एनजीटी द्वारा जिस प्रकार से पंजाब सरकार की खिंचाई की जा रही है उससे सरकार की छवि खराब हो रही है। पिछले सप्ताह ही एनजीटी ने नदियों के प्रदूषण पर पंजाब सरकार पर 50 करोड़ जुर्माना लगाया है।