सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में एंट्री बैन
बलवान करिवाल चंडीगढ़ नेचर लवर्स अब कई महीने तक सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी नहीं जा सकें
जासं, चंडीगढ़ : नेचर लवर्स अब कई महीने तक सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी नहीं जा सकेंगे। यूटी प्रशासन ने सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में विजिटर्स की एंट्री पर रोक लगा दी है। अब से लेकर 1 अक्टूबर तक वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में प्रवेश पूरी तरह निषेध रहेगा। यूटी फॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट ने इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। यह फैसला भीष्ण गर्मी से आग की संभावनाओं को देखते हुए और आगामी मानसून की वजह से लिया गया है। इन दिनों अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। गर्मी अपने चरम पर है, जिससे जंगल में सूखे पत्तों और लकड़ियों की वजह से आग की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी स्थिति में यहां से विजिटर्स को बाहर निकालना बड़ी मुश्किल हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डिपार्टमेंट ने यह फैसला लिया है। रास्ते में निकल आते हैं सांप
गर्मी से जमीन के अंदर भी तपिश हो हो जाती है। इस वजह से पाइथन और दूसरे सांप रास्तों पर निकल आते हैं। इन दिनों शाम के समय आए दिन सुखना कैचमेंट एरिया में सांप देखे जा सकते हैं। वहीं बरसात के दिनों में भी जंगली जानवर निकल आते हैं। विजिटर्स की एंट्री से वाइल्डलाइफ डिस्टर्ब होती है। पेड़-पौधे और अन्य वनस्पतियां भी बरसाती दिनों में फलती फूलती हैं। अक्टूबर तक बरसात का दौर जारी रहता है। इसी वजह से एक अक्टूबर तक सेंक्चुरी में रोक लगाई गई है। 2600 हेक्टेयर में फैली है सेंक्चुरी
शहर में दो सेंक्चुरी हैं। एक सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी और दूसरी सेक्टर-21 में बर्ड सेंक्चुरी। सुखना वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी शहर की सबसे बड़ी सेंक्चुरी है। यह सुखना लेक के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में एक किलोमीटर तक 2600 हेक्टेयर में फैली है। मार्च 1998 में सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी नोटिफाई हुई थी। तभी से यहां एंट्री के लिए चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन से परमिट लेना पड़ता है। शिवालिक की पहाड़ियों में पड़ने वाला सुखना कैचमेंट एरिया भी इसी दायरे में आता है। जिसमें 150 से अधिक डैम भी बने हैं।
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