सीनेट में इंजीनियरिग और सिक्योरिटी विभाग पर उठे सवाल
पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स फैकल्टी और रेजीडेंशल की सुरक्षा को शनिवार को साल की अंतिम सीनेट बैठक में सभी सदस्यों ने पीयू इंजीनियरिग और सिक्योरिटी विभाग को कठघरे में खड़ा किया।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स, फैकल्टी और रेजीडेंशल की सुरक्षा को शनिवार को साल की अंतिम सीनेट बैठक में सभी सदस्यों ने पीयू इंजीनियरिग और सिक्योरिटी विभाग को कठघरे में खड़ा किया। पीयू में 10 दिसंबर को बोटेनिकल गार्डन में महिला से हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद दैनिक जागरण टीम ने पीयू में सुरक्षा हालातों की पोल खोली थी। सीनेट बैठक में उस खबर का हवाला देते हुए सुरक्षा पर सवाल खड़े किए, जिनका जवाब पीयू प्रशासन के पास नहीं था। सीनेट के लगभग हर सदस्य ने इंजीनियरिग विभाग और सिक्योरिटी विभाग की नाकामी पर चर्चा की। वहीं पीयू नॉन टीचिग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट दीपक कौशिक ने कहा कि पीयू सुरक्षा सिर्फ अफसरों के घर पर है। उन्होंने अनावश्यक जगहों पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड्स को तुरंत वहां से हटाने की मांग की। सुरक्षा की जानकारी रखने वाले को होना चाहिए सिक्योरिटी चीफ दीपक कौशिक ने कहा कि पीयू सिक्योरिटी चीफ के पद पर उस व्यक्ति को होना चाहिए जिसे सुरक्षा की समझ हो। उन्होंने प्रो. अश्वनी कौल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनसे सिक्योरिटी मैनेज नहीं हो रही है। पीयू में इस समय सुरक्षा सबसे गंभीर मुद्दा है और पीयू सुरक्षा के मामले में अपनी किरकिरी करवा रहा है। 15 फरवरी को दिया गया था पत्र का जवाब, अब तक लागू नहीं सीनेट सदस्य अमीर सुल्ताना ने डेढ वर्ष पहले हुए बोटेनिकल गार्डन में लड़की से हुई छेड़छाड़ के बाद पीयू वीसी प्रो. राजकुमार को 23 जनवरी 2019 को एक लेटर लिखा था, जिसमें सुरक्षा से जुड़ी 10 बातों का जिक्र किया था। हालांकि उस पत्र का जवाब 15 फरवरी को दे दिया गया था। लेकिन उसके बाद 11 माह बीत जाने के बाद भी पीयू इंजीनियरिग विभाग आंखों पर पट्टी बांधे बैठा है। इस पत्र में सुल्ताना ने बोटेनिकल गार्डन की दीवारों को ऊंचा करने के अलावा कई मुख्य बात लिखी थी। रात को पीयू में लगता है मनचलों का डेरा एक अन्य सीनेटर डॉ. नीरू मलिक ने बैठक में कहा कि बोटेनिकल गार्डन के पास शाम होते ही मनचले डेरा लग जाता है। वहां गाड़ियों का लंबी कतारे देखी जा सकती है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि कारों में शराब पी जाती है, नशे किए जाते है और लड़कियों, महिलाओं से छेड़छाड़ होती है जिस पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जाता है। वहीं उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि धनास के पास बनी सड़क पर पहले एक पुलिस पोस्ट होती है जिसे प्रशासन ने वहां से हटा दिया। ऐसे में उस जगह से पीयू में एंट्री करना किसी के लिए भी आसान काम है। सेल्फ डिफेंस क्लास के लिए सभी ने भरी हामी बैठक में सभी सदस्यों ने सेल्फ डिफेंस ट्रेनिग शुरू करने पर जोर दिया। बैठक में कहा गया कि चंडीगढ़ पुलिस फ्री में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग देती है। ऐसे में पीयू प्रशासन को चंडीगढ़ पुलिस से बात करनी चाहिए और जितना जल्दी हो पीयू में गर्ल्स स्टूडेंट्स को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिग दी जाए। वहीं पूटा अधयक्ष प्रो. राजेश गिल ने कहा कि पीयू हॉस्टल्स और रेजीडेंशनल में रहने वाली महिलाओं के लिए वर्कशॉप होनी चाहिए, जिसके लिए अलग से बजट का प्रावधान हो। गेट पर चेक हो स्टूडेंट्स के आइडी कार्ड प्रो. शैली वालिया ने इस बात पर जोर दिया कि पीयू में गेट पर सुरक्षा व्यवस्था बिल्कुल भी दुरुस्त नहीं है। गेट से आउटसाइडर्स कैंपस में ऐसे एंट्री करते हैं जैसे वह अपने घर में आ रहे हैं। उन्होंने बैठक में वीसी को कहा कि गार्ड्स को आदेश दिए जाए कि वह हर एक स्टूडेंट्स का आइडी कार्ड चेक करें। नाइट पेट्रोलिग व्हीकल खरीदने का दिया सुझाव हिदी विभाग के चेयरपर्सन डॉ. गुरमीत सिंह ने नाइट पेट्रोलिग करने के लिए व्हीकल खरीदने का सुझाव दिया। डॉ. डीपीएस रंधावा ने सुझाव दिया कि रात को घंटों के अनुसार गार्ड्स की ड्यूटी निर्धारित की जाए। इसके अलावा रात को भी कैंपस में ई-रिक्शा चलाने का सुझाव दिया गया। कैमरों की क्वालिटी खराब दीपक कौशिक ने कहा कि पीयू में इंस्टॉल सभी कैमरों की रिकॉर्डिंग बहुत खराब है। जब उनके यहां चोरी हुई तो पीयू सिक्योरिटी चीफ ने बताया था कि रिकॉर्डिंग में कुछ नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि कैंपस में हाईटेक कैमरे सिर्फ कागजों में ही लगे है।