जेम पोर्टल बना शोषण का जरिया, कर्मियों को बड़ी उम्मीदें
नगर निगम चुनाव के बीच शहर के सरकारी विभाग में सेंवाएं दे रहे फोर्थ क्लास कर्मचारी अपना मुद्दा उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जेम पोर्टल जैसी व्यवस्था शोषण का जरिया बन चुकी है।
जासं, चंडीगढ़
नगर निगम चुनाव के बीच शहर के सरकारी विभाग में सेंवाएं दे रहे फोर्थ क्लास कर्मचारी अपना मुद्दा उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जेम पोर्टल जैसी व्यवस्था शोषण का जरिया बन चुकी है। कर्मियों को उम्मीद है कि इस बार सियासी दल उनकी जरूर सुनेंगे। जनसंपर्क अभियान के दौरान उनसे संपर्क करने वाले उम्मीदवारों के सामने वह अपने मुद्दे का जिक्र कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि शोषण का जरिया बनी जेम पोर्टल जैसी व्यवस्था बंद होनी चाहिए। जेम पोर्टल लेबर लॉ के विपरीत
फोर्थ क्लास कर्मचारी यूनियन के प्रधान रंजीत मिश्रा शहर में तेजी से ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया रहा है और उसके लिए जेम पोर्टल का सहारा लिया जा रहा है। लेबर ला एक्ट के सेक्शन 10 ए में क्लियर किया गया है कि 12 महीने जरूरत पूरे करने वाले कर्मचारी को ठेकेदारी प्रथा के सहारे नियुक्त न किया जाए बल्कि उसे डीसी रेट या फिर नियमित तरीके से नियुक्त किया जाए। शहर में किसी भी विभाग ऐसा नहीं हो रहा। फोर्थ क्लास कर्मचारी जिस भी संस्थान में जाकर काम करता है वह वहां के एप्लाइयर के अनुसार काम करता है, लेकिन जब सैलरी देने की बात आती है तो कांट्रेक्टर से बात करने के लिए कर्मचारी को कहा जाता है। जैसे ही कर्मचारी कांट्रेक्टर के पास जाता है तो वह काम पर बने रहने के लिए गलत तरीके से पैसों का डिमांड करता है और न देने वाले का वेतन रोककर उसे काम से भी निकाल दिया जाता है। वह कांट्रेक्टर जेम पोर्टल के जरिए रखा जाता है।
- सुखवीर सिंह, प्रेसिडेंट जीएमसीएच इंप्लाइज एंड वर्कर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी डीसी रेट में डेली वेज के अनुसार कर्मचारी को वेतन दिया जाता है, लेकिन डीसी रेट के नियमों को भी बदला जा रहा है। उन्हें धक्के से लालच देकर कांट्रेक्ट में डाला जाता है जिससे वह किसी भी समय नौकरी खो देते है।
- सुरेंद्र सिंह, फोर्थ क्लास कर्मचारी नियमों को लगातार अनदेखा किया जाता है। जब भी शिकायत करें तो हमेशा केंद्र सरकार के जेम पोर्टल की दुहाई दी जाती है और कर्मचारियों का शोषण किया जाता है।
- किरण वाला, फोर्थ क्लास कर्मचारी।