आपातकालीन दिवस को लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाया
देश में 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी का दिन भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले दिवस के रूप में मनाया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : देश में 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी का दिन भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले दिवस के रूप में मनाया। सेक्टर-33 भाजपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। रामबिलास शर्मा जो स्वयं आपातकालीन पीड़ित हैं और इमरजेंसी के दौरान 19 महीने जेल में रहे।
प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि कार्यक्रम में चंडीगढ़ अध्यक्ष अरुण सूद ने चंडीगढ़ में भी इमरजेंसी के प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जहां सारे देश में विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया, वहीं चंडीगढ़ से भी सत्यपाल जैन, देसराज टंडन, जितेंद्र वीर गुप्त, बाबू दलीपचन्द गुप्त, रविद्र सहगल, जितेंद्र चोपड़ा, प्रेम सागर जैन, प्रेम नारद, ओम अहुजा, रमेश्वर जी, राम लाल गुप्ता, सुरेंद्र महाजन सहित अनेक विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया। इनमें से कुछ आज भी हमारे बीच हैं तथा कुछ के स्वजन, जिन्हें आज हम सब नमन करते हैं व भारत के लोकतंत्र को बचाने में उनके सहयोग का सम्मान करते हैं।
इस अवसर पर रामबिलास शर्मा ने कहा कि इमरजेंसी का काला दौर बहुत ही भयानक था। विपक्षी नेताओं को एकदम बिना किसी वजह के गिरफ्तार कर जेलों में ठूंस दिया गया था। उन्होंने बताया कि 19 महीने की लंबी काल कोठरी में रहने के दौरान घरवालों को कई महीनों तक तो यह भी नहीं पता चला कि उनके स्वजन किस जगह और किस हाल मैं हैं। ऐसे काले दौर के वह स्वयं साक्षी हैं।
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन ने भी बताया कि इमरजेंसी के दौरान उनके पिता स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन भी 19 महीने जेल में रहे। उस समय उन पर तथा उनके परिवार ने जो यातनाएं झेली उसके बारे में उन्होंने अपने अनुभव बताए। वहीं इमरजेंसी के भुक्तभोगी देशराज टंडन ने भी अपने अनुभव सांझा किए।
कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर, रामवीर भट्टी, मेयर सरबजीत कौर ढिल्लों, आपातकाल के जितेंद्र चोपड़ा सहित सभी प्रदेश पदाधिकारी और पार्षद भी मौजूद रहे।