नहीं बढ़ेंगे बिजली के रेट, प्रशासन ने टैरिफ बढ़ाना नहीं किया प्रस्तावित
बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। यूटी इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बिजली के रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) को भेजी पिटीशन में टैरिफ नहीं बढ़ाना प्रस्तावित किया है। डिपार्टमेंट ने इसके पीछे रेवेन्यू सरप्लस होने की बात कही है। इस वित्त वर्ष में डिपार्टमेंट को 7.23 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। जेईआरसी नियमों के तहत इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने इस वित्त वर्ष में 890 करोड़ रुपये की पावर परचेज की। जबकि रेवेन्यू 897 करोड़ रुपये का जेनरेट हुआ है। इसी वजह से टैरिफ नहीं बढ़ाना प्रस्तावित किया है। जेईआरसी डिपार्टमेंट की इसी पिटीशन पर पब्लिक हियरिग के बाद नए वित्त वर्ष के लिए टैरिफ और बिजनेस प्लान फाइनल करता है। पिछले साल भी डिपार्टमेंट का रेवेन्यू सरप्लस रहा था। इसी वजह से टैरिफ नहीं बढ़ाया गया था। इससे पहले टैरिफ की कुछ कैटेगरी में बिजली की दर बढ़ाई गई थी। जबकि इंडस्ट्री टैरिफ में कटौती की गई थी। सवा दो लाख कंज्यूमर्स को फायदा
डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड अनुसार शहर में बिजली के कुल 2.16 लाख कंज्यूमर्स हैं। जिनमें से 1.75 लाख डोमेस्टिक कंज्यूमर्स हैं। डिपार्टमेंट के पास करीब 95 प्रतिशत कंज्यूमर्स की रेगुलर बिलिग है। इस वजह से रेवेन्यू भी बेहतर रहा है। डोमेस्टिक कंज्यूमर्स से दो महीने बाद बिल लिया जाता है। जबकि कमर्शियल कंज्यूमर्स से हर महीने बिल लिया जाता है। 10 पैसे प्रति यूनिट एमसी सेस
टैरिफ नहीं बढ़ने के प्रस्ताव से भले ही राहत मिली हो। लेकिन एमसी सेस लगाने की मंजूरी मिल चुकी है। यह सभी कैटेगरी के कंज्यूमर्स पर प्रति यूनिट 10 पैसे लगेगा। इस सेस से जुटने वाला रेवेन्यू नगर निगम को ही जाएगा। जिसको वह स्ट्रीट लाइट्स की मेंटेनेंस पर खर्च कर सकेंगे। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मंजूरी मिल चुकी है। अब इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसे बिल में जोड़ना शुरू करेगा।