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दही व लस्सी नहीं आई मार्केट में, दूध की सप्लाई स्ट्रीम लाइन होने में लगेंगे दो दिन

किसानो ने दस दिन की हड़ताल पाचवें दिन वापस ले ली, लेकिन ट्राइसिटी में दूध की सप्लाई स्ट्रीम लाइन होने में अभी दो दिन लग जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 06:58 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:58 AM (IST)
दही व लस्सी नहीं आई मार्केट में, दूध की सप्लाई स्ट्रीम लाइन होने में लगेंगे दो दिन
दही व लस्सी नहीं आई मार्केट में, दूध की सप्लाई स्ट्रीम लाइन होने में लगेंगे दो दिन

जागरण संवाददाता, मोहाली : किसानो ने दस दिन की हड़ताल पाचवें दिन वापस ले ली, लेकिन ट्राइसिटी में दूध की सप्लाई स्ट्रीम लाइन होने में अभी दो दिन लग जाएंगे। वेरका की तरफ से जो दूध की सप्लाई हो रही थी, उसमें डेढ़ लाख लीटर के करीब कमी आई। वेरका कुल 3.80 लीटर दूध की सप्लाई प्रतिदिन करता है। सोमवार को वेरका के मिल्क प्रोडेक्ट दूध, दही, लस्सी भी बंद कर दिए गए थे। बाद दोपहर हड़ताल खत्म होने की सूचना के बाद वेरका प्रबंधन ने राहत की सास ली। वेरका के जीएम ऊधम सिंह ने कहा कि मिल्क प्रोडेक्ट नाममात्र ही मार्केट में गए। दूध की सप्लाई में पौने दो लाख लीटर की कटौती हुई, लेकिन सप्लाई पूरी तरह से काबू होने में दो दिन लग सकते है। हमारी कोशिश है कि एक दिन में ही इस कमी को पूरा किया जाए। डेढ़ करोड़ का रोज का नुकसान किसानों का

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दूध उत्पदान से जुडे़ किसानों को वेरका प्रतिदिन डेढ़ करोड़ अदा करता है। वेरका प्रबंधन ने कहा कि इससे ज्यादा नुकसान किसानों का ही हुआ है, जोकि दूध उत्पदान से जुडे़ है। दूध न पहुचने के कारण किसानों को पेमेंट नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि हड़ताल से वेरका को भी लाखों का नुकसान हुआ है। दोपहर तक नहीं डालने दिया गया दूध

रविवार शाम से फेज छह के वेरका मिल्क प्लांट के सामने प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सोमवार दोपहर से पहले तक उत्पादकों को वेरका में दूध डालने नहीं दिया। दोपहर बाद हड़ताल खत्म होने की घोषणा के बाद किसान सड़कों से हटते नजर आए। ध्यान रहे कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की माग को लेकर किसान पिछले चार दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों ने गाव स्तर पर हड़ताल कर दी थी जिस का असर सब्जियों व दूध पर पड़ा था।


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