पर्सोनल विभाग ने भर्ती फाइल पर लगाया आब्जेक्शन
शहर के सरकारी स्कूलों में चल रहे शिक्षक टोटे को पूरा करने के लिए भर्ती की कवायद हो गई है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों में चल रहे शिक्षक टोटे को पूरा करने के लिए भर्ती की कवायद हो गई है। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत 155 टीजीटी और लेक्चरर के 165 पदों पर भर्ती की फाइल शिक्षा विभाग ने तैयार करके प्रशासन के पर्सोनल विभाग को भेजी थी जो कि नियमों के कारण आब्जेक्शन लगवाकर वापस शिक्षा विभाग को आ चुकी है। विभाग एक साथ दो कैडर की भर्ती करने जा रहा है, जिसमें दोनों के नियम अलग-अलग हैं जो कि राइट टू एजुकेशन नियमों के अनुसार संभव नहीं है। राइट टू एजुकेशन एक्ट 23 में साफ बताया गया है कि समान कार्य के लिए समान नियमों का पालन होगा, जबकि विभाग ने एसएसए के लिए अलग और लेक्चरर के लिए अलग नियम बनाए हैं। वर्तमान में शिक्षा विभाग में 1370 से ज्यादा शिक्षकों की कमी है। एसएसए का काम फंडिग करना, नियुक्ति करना राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का जिम्मा
समग्र शिक्षा विभाग के तहत 155 पदों पर टीजीटी कैडर के टीचर्स की भर्ती की जा रही है। यह भर्ती कांट्रेक्ट आधार पर की जा रही है। एक जनवरी 2014 को एमएचआरडी मिनिस्टर द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि एसएसए शिक्षक की नियुक्ति और सुविधाएं प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश सरकार का शिक्षा विभाग तय करेगा। भर्ती कांट्रेक्ट पर नहीं होगी और शिक्षक सुविधा की फंडिग एमएचआरडी करेगा। लेक्चरर भर्ती के नियमों में परेशानी
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 165 लेक्चरर की भर्ती के लिए खुद के सर्विस रूल्स रिफ्रेम किए हैं जो कि पंजाब सर्विस रूल्स 1992 के हैं। 1992 के बाद तीन बार केंद्र सरकार सर्विस रूल्स को संशोधित कर चुका है, लेकिन चंडीगढ़ शिक्षा विभाग 1992 के नियमों को फालो कर रहा है, जो कि केंद्र सरकार के नियमों का उल्लंघन है। भर्ती प्रक्रिया में इन नियमों पर लगा ऑब्जेक्शन
- रिजर्व कैटेगरी के आवेदक को उम्र में छूट देने के साथ टेस्ट क्लियर करने में भी पांच फीसद नंबरों की छूट दी जाती है, जो कि शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए भर्ती नियमों में नहीं रखी गई थी।
- एक्स सर्विसमैन कोटे के लिए भर्ती नियमों में कोई भी जिक्र नहीं किया गया है, जबकि शैक्षणिक संस्थान में नौकरी के लिए एक्स सर्विसमैन को 10 फीसद का कोटा तय है।