51 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस का दावा लेकिन लिस्ट सार्वजनिक नहीं कर रहा शिक्षा विभाग
सूची के बारे में जब डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत बराड़ से कई बार पूछा गया पूछा गया लेकिन उन्होंने एक बार भी जवाब नहीं दिया।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने मंगलवार को 51 प्राइवेट स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। लेकिन यह नोटिस केवल दिखावे के लिए भेजा गया है। यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि शिक्षा विभाग ने बैलेंस शीट अपलोड न करने को लेकर कारण बताओ नोटिस तो जारी कर दिया है, लेकिन विभाग ने किन किन स्कूलों को नोटिस जारी किए है, इस बात को बताने में कतरा रहा है। कारण बताओ नोटिस की सूचखी जारी न कर शिक्षा विभाग खुद ही प्राइवेट स्कूलों को सह दे रहा है।
शिक्षा विभाग के सभी आला अधिाकरी कारण बताओ नोटिस की सूची को लेकर चुप्पी साधे बैठक है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि शिक्षा विभाग ने अगर 51 प्राइवेट स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तो वह सूची देने में क्यों कतरा रहा है। इन बातों से तो यही लग रहा है कि शिक्षा विभाग खुद ही इन प्राइवेट स्कूलों को बचाने में कतरा रहा है। जब कारण बताओ नोटिस की सूची के बारे में जब डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत बराड़ से कई बार पूछा गया पूछा गया लेकिन उन्होंने एक बार भी जवाब नहीं दिया। वहीं इस विषय को लेकर शिक्षा सचिव को कॉल की गई तो उन्होंने कॉल पिक नहीं की।
इन स्कूलों को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
सूत्रों के अनुसार विभाग ने जिन स्कूलों को नोटिस जारी किया है उनमें सेंट कबीर-26, विवेक हाई स्कूल-38, भवन विद्यालय, न्यू पब्लिक स्कूल-18, नव बाल निकेतन-29, बाल निकेतन-37, श्री हरकृष्ण ङ्क्षसह स्कूल-38, द ब्रिटिश स्कूल-44, आशियाना पब्लिक स्कूल, सेंट जोसेफ-44 शामिल हैं।
विभाग का फैसला गलत, कोर्ट में देंगे चुनौती : एचएस मामिक
इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने शिक्षा विभाग के कारण बताओ नोटिस को गलत ठहाराया है। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी को सभी स्कूलों द्वारा अपनी अपनी बैलेंस शीट सबमिट कार्रवाई गई है। उसके बावजूद स्कूलों को कारण बताओ नोटिस क्यों भेजे है। उन्होंने कहा कि हम विभाग के इस फैसले को कोर्ट में चैलेंज करेंगे।
स्कूल एक चैरिटेबल संस्थान : नितिन गोयल
चंडीगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नितिन गोयल ने कहा कि स्कूल एक चैरिटेबल संस्थान है। वहीं स्कूलों के किसी भी तरह के बिजनेस सीक्रेट नहीं होते। उसके बावजूद यह प्राइवेट स्कूल अपनी बैलेंस शीट क्यों नहीं दिखाना चाहते। अब जहां स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं। ऐसे स्कूलों के पास कोई रास्ता नहीं है, उनको बैलेंस शीट दिखानी ही होगी।