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उड़ता पंजाब: पंजाब से कनाडा तक जुड़े ड्रग्स तस्करी के तार, लंगर के बर्तनों में जाता था नशा

पंजाब में तस्‍करी के तार अब कनाडा से जुड़ गए हैं। राज्‍य से नशा लंगर के बरतनों में छिपा कर भेजे जा रहे थे। पुलिस ने चार लाेगों को गिरफ्तार कर इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 08:58 PM (IST)
उड़ता पंजाब: पंजाब से कनाडा तक जुड़े ड्रग्स तस्करी के तार, लंगर के बर्तनों में जाता था नशा
उड़ता पंजाब: पंजाब से कनाडा तक जुड़े ड्रग्स तस्करी के तार, लंगर के बर्तनों में जाता था नशा

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब से नशा तस्‍करी के तार अब कनाडा तक जुड़ गए हैं। पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर इसके चार सदस्यों को फिल्लौर (जालंधर) के गांव नागर से गिरफ्तार किया है। कनाडा से संचालित किए जा रहे इस गिरोह के सदस्यों से 4.75 किलो केटामाइन व छह किलो अफीम बरामद की गई है। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) व काउंटर इंटेलीजेंस की टीमें लंबे समय से इस गिरोह के सदस्यों का पीछा कर रही थीं।

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लंगर के बर्तनों में कनाडा सप्लाई होता था नशा, गिरोह का पर्दाफाश, चार धरे

काउंटर इंटेलीजेंस के एआइजी हरकंवलप्रीत सिंह खख काफी समय से टोरंटो निवासी कनाडा के नागरिक कमलजीत सिंह चौहान पर नजर रखे हुए थे। नशा तस्करी में बड़ा चेहरा कनाडाई नागरिक दविंदर देव भी इस रैकेट का सक्रिय सदस्य है। श्रीगंगानगर (राजस्थान) निवासी देव काफी समय से लुधियाना के खन्‍ना के गुरबक्श सिंह नगर में रहा था।

जालंधर देहात पुलिस, काउंटर इंटेलीजेंस व एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीमों की संयुक्त कार्रवाई में चारों को जंडूसिंघा के टी प्वाइंट पर विशेष चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। चारों निसान माइक्रा व निसान टरेनो कार से जा रहे थे। उनसे लंगर बनाने वाले बर्तन में छिपाकर ले जाई जा रही 4.75 किलो केटामाइन व छह किलो अफीम बरामद की गई। उनके पास से सात बड़े भगौने (कुकिंग बाउल) में छिपा कर रखे नशीले पदार्थ बरामद किए गए। यह सभी एक कूरियर कंपनी से कनाडा के लिए बाउल में छिपा कर रखे नशीले पदार्थों को कूरियर करने जा रहे थे। नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए यह रैकेट निजी कूरियर कंपनियों का इस्तेमाल करता था।

इनकी हुई गिरफ्तारी

-दविंदर देव: श्रीगंगानगर (राजस्थान)

-अजीत सिंह: पतारा (जालंधर)

-त्रिलोचन सिंह: पतारा (जालंधर)

-गुरबक्श सिंह: बुलोवाल (होशियारपुर)

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कनाडा से हुई डील, ट्रायल के लिए दो बार भेजी अफीम

गिरोह के मास्टरमाइंड कनाडा के टोरंटो निवासी कमलजीत सिंह चौहान ने सर्दियों में भारत आकर इन लोगों से नशा तस्करी की डील फिक्स की थी। देव भारत से नशीले पदार्थों की खरीद कर उसे चौहान के लिए कूरियर कंपनी से कनाडा भेजता था। ट्रायल के तौर पर उन्होंने छह व 14 किलो अफीम दो बार भेजी थी। इन्हें जालंधर बस स्टैंड के पास उनसे चौहान के करीबी ने कूरियर कंपनी के माध्यम से चौहान को भेजा था।

मिठाई के डिब्बों में भेजी गई अफीम मिलने के बाद चौहान ने उन्हें केटामाइन की सप्लाई के लिए बोला था। चौहान के कहने पर अजीत सिंह जीत ने मालेरकोटला (संगरूर) से 14 कुकिंग बाउल्स खरीदे थे। दो बाउल को जोड़ कर उसके अंदर नशीले पदार्थ छिपाकर भेजने की साजिश थी। अफीम की खरीद मध्यप्रदेश व केटामाइन की खरीद रामपुर (उत्तर प्रदेश) से मंगवाई थी।

इसके लिए अजीत ने अपने ट्रक ड्राइवर  भाई त्रिलोचन सिंह व चचेरे भाई गुरबक्श सिंह की मदद ली थी। जालंधर के शेखा बाजार स्थित श्री देव कूरियर से नशीले पदार्थों की सप्लाई को लेकर बाउल दिए गए थे, लेकिन चौहान के कहने पर उन्होंने नकली आइडी के जरिए दूसरी कूरियर कंपनी से इन्हें भेजने का फैसला किया था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

देव ने जयपुर में खरीदा कमर्शियल प्लाजा

- पुलिस ने देव को 2011 में नशा तस्करी में गिरफ्तार किया था। देव ने नशे के कारोबार से जयपुर में 6000 वर्गफीट का कमर्शियल प्लाजा भी खरीदा था। साथ ही करोड़ों की प्रापर्टी बनाई थी। ईडी ने उसे सीज कर रखा है।

-दविंदर नशीले पदार्थों के लिए महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, दुबई व कनाडा तक के रैकेट से जुड़ा था। हाल ही में उसने गुजरात के कंडला पोर्ट से कनाडा के लिए पांच क्विंटल केटामाइन कंटेनरों के जरिए तस्करी की थी।

-अजीत सिंह जीत नशा तस्करी में सितंबर 2017 तक जेल में बंद था। जेल से छूटने के बाद वह देव के संपर्क में आया था।

-अजीत नशीले पदार्थ उपलब्ध करवाता था और देव उसे विदेशी कस्टमर्स को चौहान के जरिए सप्लाई करता था।

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हवाला के जरिए होता था लेन-देन

नशा तस्करी को लेकर इस रैकेट के सदस्यों को कनाडा से हवाला के जरिए धनराशि का आदान-प्रदान होता था। इनके लिए कौन-कौन से हवाला कारोबारी काम करते थे। पुलिस उनकी पड़ताल में जुटी है।

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गैंगवार व ड्रग्स से दुखी पंजाबियों ने कनाडा में की सबसे बड़ी 'जागो अते जगाओ' रैली

 
सरी (कनाडा): पंजाब तो ड्रग्स और गैंगस्टर्स के लिए कुख्यात है ही अब यही बीमारी कनाडा में भी पहुंच गई है। कनाडा में पंजाबी बहुल क्षेत्रों में आए दिन कोई न कोई पंजाबी जहां ड्रग्स के धंधे में संलिप्त पाया जा रहा है वहीं पर नौजवान गैंगवार में गोलियों के शिकार हो रहे हैं। पंजाब से बहुत से लोगों ने यहां के ड्रग्स और आतंक के दहशत वाले माहौल से आहत आकर ही विदेशों का रूख किया था परंतु अब वहां पर भी वारदातों ने उनका सुखचैन छीन लिया है। अभी हाल में सरी में 16-17 साल के गोलियों से मारे गए दो युवकों व इससे पूर्व घटित हुई घटनाओं के खिलाफ पंजाबियों ने इकट्ठे होकर 'जागो अते जगाओ' रैली का आयोजन किया।

कनाडा की अखबारों व सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के अनुसार, इस विशाल रैली में पीडि़त परिवारों के अलावा हजारों की संख्या में पंजाबियों ने भाग लिया और अपने दुखड़े एक दूसरे के साथ साझा किए। इस रैली में अपने बच्चों के गोलियों या फिर ड्रग्स का शिकार हो जाने पर बहुत सी माताओं व बेटियों को अपने हाथों में 'सेव योअर किड्स' की तख्तियां हाथ में उठाए आंसू बहाते हुए देखा गया।

वक्ताओं ने कहा कि पंजाब में आंतक व ड्रग्स से आजिज आकर ही उन्होंने अपने वतन को छोड़ विदेशी धरती पर अपना आशियाना बनाया था परंतु पंजाब की यह बीमारी यहां पर भी पहुंच गई है। बच्चे जब घर से बाहर होते हैं तो उन्हें उनके वापस आने चिंता लगी रहती है। बेशक वह कनाडा में हैं और यहां पर कानून व्यवस्था भी है परंतु फिर भी लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

अपने बेटे को को चुकी परमजीत कौर ने कहा कि जो उनके साथ हुआ वो किसी और के साथ घटित न हो इसके लिए सब एकत्र हों। मंदीप कौर भांगल ने कहा कि यहां हम इतने असुरक्षित हैं कि बच्चों को  पार्कों में भी नहीं भेज सकते। एक बुजुर्ग महिला सुरीन बस्सी ने रोते हुआ कहा कि उसके बेटे की हत्या को नौ साल हो गए हैं परंतु उन्हें अभी तक इंसाफ नहीं मिला है। जसवंत सिंह ने अपनी दास्तां बताते हुए कहा कि उनके 23 वर्षीय भांजे का पांच युवकों ने कतल कर दिया परंतु कोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
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'' सरी में गैंगवार व ड्रग्स में युवाओं की शमूलियत चिंताजनक है। स्थानीय संगठनों से बातचीत कर युवाओं को  सही रास्ते पर लाने के लिए व लोगों की सुरक्षा के लिए कड़ कदम उठाए जाएंगे।

                                                                          - माइक फारनवर्थ, जन सुरक्षा मंत्री ब्रिटिश कोलंबिया। 


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