हाईकोर्ट में पुलिस व ड्रग्स माफिया के गठजोड़ पर सुनवाई में उछला सीएम का बयान
हाईकोर्ट में पुलिस व ड्रग्स माफिया के गठजोड़ पर सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट ने कहा कि कैप्टन के अधिकारियों को बर्खास्त करने की चेतावनी अदालत की अवमानना है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा पिछले दिनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अनुशासनहीनता के लिए दी गई चेतावनी का मुद्दा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में गूंजा। सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने मुख्यमंत्री की इस चेतावनी को अदालत की अवमानना बताते हुए कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्तगी की धमकी देकर मुख्यमंत्री ने अदालती हस्तक्षेप करने की कोशिश की है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में ड्रग्स के अवैध कारोबार में माफिया व पुलिस के गठजोड़ की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआइटी) के प्रमुख डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने पिछले माह हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर करके जांच के संबंध में कुछ मुद्दे सामने रखे थे।
चट्टोपाध्याय की अर्जी से फैली थी सनसनी
चट्टोपाध्याय ने इस अर्जी में अदालत को बताया था कि मोगा के एसएसपी राजजीत सिंह के खिलाफ ड्रग्स के मामले में की जा रही जांच के दौरान उन्हें पंजाब के एक डीजीपी की बेनामी संपत्ति का भी पता चला है। उन्होंने दावा किया था कि जांच की आंच डीजीपी सुरेश अरोड़ा व डीजीपी इंटेलीजेंस दिनकर गुप्ता तक पहुंच सकती है।
सरकार ने जारी की आधिकारिक धमकी: गुप्ता
मामले में सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने अदालत को बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की ओर से अदालत में अपने मुद्दे उठाने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक मीटिंग कर अधिकारियों को अदालत न जाने की चेतावनी दी और आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में यह कहा गया कि वे खुद केंद्रीय गृहमंत्री से ऐसे अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश करेंगे। एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने अदालत को बताया कि चट्टोपाध्याय 9 मई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंप देंगे।
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