नशे की सप्लाई लाइन टूटने की वजह से विकल्प ढूंढ रहे है नशेड़ी : कैप्टन
पंजाब में ड्रग पर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष के अालोचना के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ड्रग्स की सप्लाई लाइन कटने की वजह से नशेड़ी उसका विकल्प ढूंढ रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सत्ता में अाने के 15 माह बाद ड्रग्स एक बार फिर राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। विपक्ष जहां सरकार को ड्रग्स के मुद्दे पर घेर रहा है और सोशल मीडिया पर 1 से 7 जुलाई तक ड्रग्स के खिलाफ ब्लैक वीक मनाने की मुहिम चल रही है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ड्रग्स के मुद्दे पर अपना सरकार का बचाव किया है। कैप्टन ने कहा किया कि ड्रग्स की सप्लाई लाइन कटने की वजह से नशेड़ी उसका विकल्प ढूंढ रहे हैं।
कैप्टन ने कहा कि मेडिकल नशे के बाद अब चिट्टा और हेरोइन भी बाजार से गायब हो गए है। इसके कारण नशे के आदी लोगों को यह मिल नहीं रहा है और वे इसका विकल्प ढूंढ रहे हैं। विकल्प के रूप में वे नशा छुड़ाओ केंद्र पर नशा छुड़ाने के लिए दी जाने वाली दवाओं ले रहे हैं।
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने नशों के स्मगलरों की कमर तोड़ दी है और इस समय पर तकरीबन 10,000 स्मगलर जेलों में हैं। उन्होंने कहा कि नशों का एक सरगना हांगकांग जेल में है और उसकी सुपूदर्गी के लिए कोशिशें की जा रही हैं। जबकि नशों के तीन मुख्य सप्लायर भारत से फरार हो चुके हैं। कैप्टन ने आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैहरा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि खैहरा राजनीतिक और निजी लाभ के लिए नशों का मुद्दा बार-बार उठाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का नेता बार-बार अपनी फोटो अखबारों और टीवी चैनलों में देखना चाहता है।
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह द्वारा पुलिस कर्मचारियों पर बच्चों को नशे में धकेले जाने के लगाए गए आरोप के संबंध में कैप्टन ने कहा कि इसकी जांच होगी। अगर आरोप में सत्यता पाई गई तो दोषी अधिकारी को बर्खास्त किया जाएगा।
इससे पूर्व कैप्टन ने ड्रग्स की समस्या को समाज की जिम्मेदारी भी बताया। उन्होंने कहा पुलिस का काम नशे को पकड़ना तो डाक्टर का काम नशा छुड़ाने में मदद करना है। इसी प्रकार समाज का काम है कि वह नशे से पीडि़त व्यक्ति को नशा छुड़ाओ केंद्र तक लेकर आए। अगर समाज भी नशे के विरुद्ध सरकार का साथ दे तो इसे बहुत तेजी के साथ खत्म किया जा सकता है।
सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने सर्जिकल स्ट्राइक के मामले पर भारतीय सेना का बार-बार राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। कैप्टन ने कहा कि एक टेलीविजन चैनल द्वारा जारी की सर्जिकल स्ट्राइक की कथित वीडियो नहीं देखी और वह राजनीतिक फायदा लेने के लिए सेना का प्रयोग किए जाने के हक में नहीं हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सेना द्वारा की गई कार्रवाई को राजनीति या वोटों के लाभ के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती की बात है कि सर्जिकल स्ट्राइक का बार-बार केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिकरण किया जा रहा है।