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कॅरियर और फिगर के चक्कर में देरी से मां बनना पड़ रहा भारी, 70% बढ़ जाता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा

पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ से आने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों 35 साल के बाद मां बनने वाली महिलाएं सबसे ज्यादा हैं।

By Edited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:37 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 08:41 AM (IST)
कॅरियर और फिगर के चक्कर में देरी से मां बनना पड़ रहा भारी, 70% बढ़ जाता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा
कॅरियर और फिगर के चक्कर में देरी से मां बनना पड़ रहा भारी, 70% बढ़ जाता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा

जेएनएन, चंडीगढ़। अगर अपको ब्रेस्ट कैंसर से बचना है तो कॅरियर और फिगर के चक्कर में मां बनने में देरी करने की गलती मत कीजिए। पीजीआइ रेडियोथिेरेपी डिपार्टमेंट में आने वाले ब्रेस्ट कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामलों में बीमारी का कारण मां बनने में देरी के रूप में सामने आ रही है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से आने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों 35 साल के बाद मां बनने वाली महिलाएं सबसे ज्यादा हैं। जागरूकता के अभाव में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। महज 10 साल में ब्रेस्ट कैंसर के मरीज दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। ओपीडी में इसके एक महीने में 150 से 200 मरीज पहुंच रहे हैं।

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ओपीडी में चला जागरूकता अभियान

अक्टूबर में मनाए जा रहे ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के अवसर पर पीजीआइ रेडियोथिेरेपी डिपार्टमेंट की ओर से सोमवार को न्यू ओपीडी बिल्डिंग में कार्यक्रम हुआ। इस दौरान डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. राकेश कपूर ने मरीजों को बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लड़कियों में शादी करने के उम्र के बढ़ने के साथ ही मां बनने में देरी, खान-पान और रहन-सहन में की जा रही लापरवाही बीमारी को तेजी से बढ़ा रही है। इसलिए करियर बनाने के साथ ही सही उम्र में शादी करना भी बेहद जरूरी है। शादी में देरी के कारण कैंसर जैसी बीमारी होने के साथ ही मां बनने में कई तरह के कॉमप्लीकेशंस के चांस भी बढ़ने लगते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के मामले गांव की तुलना में शहर में ज्यादा हैं।

मेमोग्राफी टेस्ट से डाइग्नोसिस हुई आसान

ब्रेस्ट कैंसर की जांच की यह सबसे आसान और सटीक तकनीक है। इसमें डाइग्नोस के लिए कम रेंज वाली एक्स-रे का उपयोग किया जाता है। इसमें डाइग्नोस को डिजिटल रूप में भी देखा जा सकता है। इसमें गांठ का बहुत जल्द पता चल जाता है।

ये लक्षण दिखे तो हो जाए सचेत

45 साल की उम्र के बाद मेमोग्राफी जांच नियमित रूप से करानी चाहिए। वहीं कुछ लक्षणों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिसके दिखाई देते तत्काल जांच कराना जरूरी है। इसमें ब्रेस्ट में गांठ या स्किन मोटी होना, ब्रेस्ट और कंधे के नीचे की ओर दर्द या सूजन हो, ब्रेस्ट का आकार, रंग में चेंज आए, ब्रेस्ट पर रेशेज आना, बगल में गांठ महसूस होना शामिल है।

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