PGI Chandigarh के निदेशक प्रो. जगतराम बोले- लोग कोविड गाइडलाइन का नहीं कर रहे पालन, बढ़ रहा खतरा
पीजीआइ चंडीगढ़ के डायरेक्टर प्रो. जगतराम का कहना है कि लोग कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। लोग घर से बिना मास्क लगाए निकल रहे हैं। बाजार दफ्तर यात्रा के दौरान और शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमण पहले की अपेक्षा तेजी से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही है। शहरवासी दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी जो कि कोरोना वायरस से बचने का एक मात्र मूल मंत्र है, शहरवासी उसे भूल चुके हैं। इसका नतीजा है कि चंडीगढ़ सहित मोहाली और पंचकूला में रोजाना हजारों मरीज सामने आ रहे हैं। लोग मास्क, शारीरिक दूरी और खुद को समय पर सेनिटाइज नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ते जा रहे हैं। यह कहना है पीजीआइ चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. जगतराम का। उन्होंने लोगों को चेताया कि यदि कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो परिणाम गंभीर होंगे।
उन्होंने कहा कि लोग घर से बिना मास्क लगाए निकल रहे हैं। बाजार, दफ्तर, यात्रा के दौरान और अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे मरीज शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में लोग आसानी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
दफ्तरों में लोग एक दूसरे के साथ बैठकर खाना-पीना कर रहे हैं। लोग शारीरिक दूरी के अलावा कार्यालयों में मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यात्रा के दौरान लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। लोग एक जगह से दूसरी जगह ट्रैवल करने पर कोविड गाइडलाइंस जैसे शारीरिक दूरी और बाहरी खान-पान से परहेज नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। बाजार और मंडियों में लोग बिना मास्क लगाए और भीड़ में खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में संक्रमण को रोकना नामुमकिन हो रहा है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन हाई ऑक्सीजन स्पोर्ट और वेंटिलेटर पर मरीज के लिए नहीं कारगार
पीजीआइ के एनेसथिसिया व इंटेन्सिव केयर विभाग के हेड प्रो. जीडी पुरी ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज कोरोना संक्रमित मरीजों को संक्रमण के चपेट में आने से पहले आठ दिनों के भीतर दिया जाता है। ताकि संक्रमित मरीज रूम एयर हाईपोक्सिया यानी ऑक्सीजन सेचुरेशन को कायम किया जा सके। 10 दिनों के बाद ये रेमडेसिविर इंजेक्शन संक्रमित मरीज के लिए किसी भी तरह उपयोगी नहीं होती। संक्रमण से जूझ रहे जो मरीज हाई ऑक्सीजन स्पोर्ट और वेंटिलेटर पर रखे गए हैं। उनके लिए ये इंजेक्शन कारगर नहीं है। ऐसे मरीजों को एस्टिरियोड के जरिए ही संक्रमण पर काबू पाया जा सकता है। रेमडेसिविर इंजेक्शन से मृत्यु दर को कम करने में कोई प्रभाव नहीं है। रेमडेसिविर इंजेक्शन गुर्दे के कार्यों को खराब करने की क्षमता रखता है।
शहर में आज यहां आएगी मोबाइल टेस्टिंग टीम
शहर में शुक्रवार को सात जगहों पर मोबाइल टेस्टिंग टीम भेजी जाएगी। एमटी नंबर-1 बस स्टैंड सेक्टर-17, एमटी नंबर-2 सीसीईटी सेक्टर-26, एमटी 45 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हल्लोमाजरा, एमटी एमएम कंटेनमेंट एरिया और रेलवे स्टेशन चंडीगढ़, एमटी 22 जीएचएस सेक्टर-36, एमटी 6 कंटेनमेंट जोन एसडीएम सेंट्रल और एमटी 7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मलोया में मोबाइल टेस्टिंग टीम लोगों का निशुल्क कोरोना टेस्ट करेगी।