सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़: लाला लाजपत राय की लेखनी और बलिदानी भगत सिंह द्वारा पढ़ी गई किताबें पाठकों को सिंगल क्लिक पर उपलब्ध होगी। सेक्टर-15 स्थित लाला लाजपत राय भवन में स्थित द्वारिका दास लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन होगा। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 26 लाख रुपये की ग्रांट जारी की है। गौरतलब है कि लाइब्रेरी में 60 हजार के करीब पुस्तकों और लेखों का संग्रहण है।
सभी किताबें बलिदानी भगत सिंह से लेकर विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा पठित और उनके जीवन पर लिखित है। इसके अलावा लाला लाजपत राय ने आजादी पाने के लिए विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखों को भी यहां पर सहेजा गया है। डिजिटलाइजेशन काम दो से तीन वर्ष में पूरा होगा। लाला लाजपत राय मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले थे।
आजादी के बाद लाहौर से चंडीगढ़ स्थापित हुई थी लाइब्रेरी
देश की आजादी से पहले द्वारिका दास लाइब्रेरी पाकिस्तान के लाहौर में स्थापित थी। द्वारिका दास लाला लाजपत राय के मित्र थे। लाला लाजपत राय खुद के लेखों को लाइब्रेरी में ही स्थापित रखते थे, जहां से पाठक उसे पढ़ते थे। लेखों से लाला लाजपत राय की प्रसिद्धि को देखते हुए द्वारिका दास ने लाइब्रेरी के भवन का नाम लाला लाजपत राय भवन रखा था।
1947 में विभाजन के समय लाइब्रेरी भारत में आकर पहले सेक्टर-14 स्थित पीयू कैंपस में स्थापित हुई। उसके बाद सर्वेंट आफ पीपल सोसायटी की मांग पर इसे सेक्टर-15 में इसके लिए अलग से जगह अलाट करके पूरा भवन और लाइब्रेरी स्थापित किया है।
विदेश में बैठे पाठकों को भी मिलेगा लाभ
लाइब्रेरी का डिजिलाइजेशन होने के बाद भारत के अलावा दूसरे देशों में बैठे पाठकों को लाभ होगा। लाला लाजपत राय की गतिविधि के चलते 15 से कमेटियां स्थापित की और उन्हें शेर-ए-पंजाब की उपाधि दी गई थी। साइमन कमीशन के विरोध में हुए लाठीचार्ज के बाद लाला लाजपत राय की शहादत हुई थी। लाइब्रेरी में लाला लाजपत राय की लेखनी के अलावा विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी हुई पुस्तकें उपलब्ध है जो कि रिसर्च स्कालर से लेकर पाठकों के लिए रुचिकर और उपयोगी है।
खून से सने कपड़े भी हैं लाइब्रेरी में मौजूद
सेक्टर-15 स्थित लाला लाजपत राय भवन में स्थापित लाइब्रेरी में विभिन्न पुस्तकों और लेखों के साथ साइमन कमीशन के दौरान घायल हुए लाला लाजपत राय के खून से सने कपड़ों को सहेजा गया है। उल्लेखनीय है कि साइमन कमीशन का विरोध कर रहे स्वतंत्रता सेनानियों पर हुए लाठीचार्ज के बारे लाला लाजपत राय ने कहा था कि यह प्रकरण अंग्रेजों के लिए अंत का आरंभ बन गया।
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