पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी SIT के सामने नहीं हुए पेश, अस्वस्थ होने का दिया हवाला
बलवंत सिंह मुल्तानी अपहरण और हत्या के मामले में आरोपित पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी बुधवार को एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। साथ ही किसी अन्य दिन एसआइटी के सामने पेश होने के लिए समय की मांग की।
मोहाली, जेएनएन। बलवंत सिंह मुल्तानी अपहरण और हत्या के मामले में आरोपित पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी बुधवार को एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए असमर्थता जताई। साथ ही किसी अन्य दिन एसआइटी के सामने पेश होने के लिए समय की मांग की। एसआइटी के प्रमुख एसपी (डी) हरमनदीप सिंह हांस, डीएसपी (डी) विक्रमजीत सिंह बराड़, डीएसपी जसविंदर सिंह टिवाणा व एसएचओ राजीव कुमार थाना मटौर में सुमेध सैनी का इंतजार करते रहे।
सुमेध सैनी के वकील के अनुसार उनकी तरफ से 29 सितंबर को ही वाट्सएप मैसेज के माध्यम से जाच टीम के चेयरमैन को यह बता दिया गया था कि सुमेध सैनी दिल्ली में हैं। उनकी सेहत ठीक न होने के कारण डॉक्टरों द्वारा उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी गई है। इसलिए वह एसआइटी के सामने पेश होने के लिए कोई अन्य दिन चुना जाए।
सूत्रों के मुताबिक अब वीरवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद एसआइटी द्वारा सुमेध सैनी को जांच में शामिल होने के लिए दोबारा नोटिस भेजा जा सकता है। उधर, थाने के बाहर दोपहर तक मीडिया का जमावड़ा लगा रहा। गौरतलब है कि 28 सितंबर को सुमेध सैनी अपने वकीलों के साथ एसआइटी के सामने पेश हुए थे और एसआइटी द्वारा उनसे करीब 6 घंटे पूछताछ की गई थी।
एसआइटी द्वारा सुमेध सैनी के जवाबों से संतुष्ट न होने के कारण ही सैनी को दोबारा जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। केस ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज उधर, वीरवार एक अक्टूबर को सुमेध सैनी द्वारा किसी अन्य राज्य में केस ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
इसी तरह मोहाली में अदालत में भी सुमेध सैनी द्वारा दायर याचिका पर फैसला होना है, क्योंकि सरकार द्वारा आज ही उस याचिका पर जवाब दाखिल किया जाना है। गौरतलब है कि मामले में सुमेध सैनी की मुश्किलें उस समय और बढ़ गई थीं, जब उनकी टीम के दो पूर्व पुलिस अफसर सरकारी गवाह बन गए और सुमेध सैनी के खिलाफ धारा-302 जोड़ दी गई। सरकारी गवाहों द्वारा दिए गए बयानों में कहा गया था कि बलवंत ¨सह मुल्तानी पर जुर्म हुए थे और इस कारण उसकी मौत हो गई।