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अफसरों के साथ से डिस्को और पब का विकास

सेक्टर-26 में अफसरों के साथ से ही हुआ अवैध डिस्को और पब्स का विकास।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:00 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:00 PM (IST)
अफसरों के साथ से डिस्को और पब का विकास
अफसरों के साथ से डिस्को और पब का विकास

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर-26 में अफसरों के साथ से ही हुआ अवैध डिस्को और पब्स का विकास। वॉयलेशन के बावजूद डिस्को और पब्स के लिए धड़ल्ले से इस्टेट ऑफिस ने एनओसी जारी की। इसी एनओसी के जरिये सभी डिस्कोथेक और बीयर बार को लिकर के लाइसेंस जारी किए गए। इस्टेट ऑफिस, फायर विग तथा एक्साइज विभाग की मिलीभगत से हुए इस गेम का ही परिणाम है कि तीन साल में ही सेक्टर-26 शोरूमों की बैक लेन में एक दर्जन से अधिक डिस्को और पब्स खुल गए। शहर में नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बिना बिल्डिंग वॉयलेशन की क्लीयरेंस के लिकर परमिट के लिए एनओसी नहीं मिल सकती। यहां तक कि इस्टेट ऑफिस में एक आम व्यक्ति को अपने मकान की एनओसी के लिए महीनों धक्के खाने पड़ते हैं। दूसरी तरफ सेक्टर-26 के डिस्को और पब्स की बिना कोई जांच किए उन्हें एनओसी जारी कर दी गई। बिल्डिंग प्लान अप्रूव नहीं

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नियमों के अनुसार सेक्टर-26 की बैक लेन में हुए किसी भी निर्माण का बिल्डिंग प्लान अप्रूव नहीं हो सकता। शहर के मास्टर प्लान के अनुसार भी सेक्टर-26 के शोरूमों की बैक साइड केवल गोदाम एवं स्टोर का प्रावधान है। शहर के अन्य सेक्टरों में व्यापारियों द्वारा एससीएफ में बॉक्स टाइप स्ट्रक्चर की मांग लंबे समय से की जा रही है। अन्य सेक्टरों में शोरूम में हुए अतिरिक्त निर्माण पर इस्टेट ऑफिस द्वारा 500 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से पेनल्टी लगाई गई थी तथा वॉयलेशन पर बिल्डिंग सील तक की गई थी। लेकिन सेक्टर-26 में डिस्क और पब्स चलाने वालों के लिए प्रशासन के अफसरों ने आंखें मूंदी हुई है। रेवेन्यू का नुकसान

सेक्टर-26 में खुले इन डिस्क और पब्स के कारण करोड़ों रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। इंडस्ट्रियल एरिया में प्रशासन ने प्रॉपर्टी की कनवर्जन के लिए करोड़ों रुपये कनवर्जन चार्ज लिया था लेकिन सेक्टर-26 में बिना किसी चार्ज के इसकी परमिशन दे दी गई। शोरूमों की बैक साइड खुले इन डिस्क और पब्स में से अधिकांश का एरिया चार से पांच हजार वर्ग फुट है। बैक साइड से ही एंट्री

सेक्टर-26 में खुले अधिकांश डिस्क और पब्स की एंट्री बैक साइड से है। शहर में बिल्डिंग बायलॉज में ऐसा प्रावधान नहीं है। शहर में सैकड़ों लोगों को इस्टेट ऑफिस, हाउसिग बोर्ड ने बैक साइड एंट्री निकालने पर नोटिस दिए हुए हैं। शहर की किसी भी मार्केट में दुकानदारों को प्रशासन ने इतनी छूट नहीं दी हुई। लिकर बैन हटने के बाद खुले

सेक्टर-26 में सभी डिस्को और पब्स हाईवे के 500 मीटर के दायरे में लिकर की सेल तथा सर्विस पर लगी रोक हटने के बाद खुले। शोरूम मालिक अफसरों के साथ मिलीभगत से हर माह लाखों रुपये किराया हासिल कर रहे हैं।


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