Move to Jagran APP

अप्रूवल के बावजूद चार साल से फाइलों में फंसा सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट

इंजीनियरिग डिपार्टमेंट और क्रेस्ट के आपसी टकराव में उलझा प्रोजेक्ट।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:09 AM (IST)
अप्रूवल के बावजूद चार साल से फाइलों में फंसा सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट
अप्रूवल के बावजूद चार साल से फाइलों में फंसा सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : पटियाला की राव पर लगने वाला शहर का सबसे बड़ा सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट केंद्र सरकार की मंजूरी के बावजूद चार साल से दो डिपार्टमेंट की आपसी टसल में फंसा है। 25 मेगावाट का यह प्रोजेक्ट फाइलों में ही दम तोड़ने को है। ऐसे कैसे चंडीगढ़ सोलर सिटी बनेगा, यह अपने आप ही सवाल है। इतना बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट न तो अभी तक न तो चंडीगढ़ में कहीं लगा है और न ही लग सकेगा। कारण यह है कि चंडीगढ़ में यही एक जगह ऐसी है, जहां ओपन एरिया में सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट बड़ा लगाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत और जगह को चिह्नित चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन (क्रेस्ट) ने की थी, जो फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के तहत की काम करती है। साइट इंजीनियरिग डिपार्टमेंट की है, इसलिए इस पर क्रेस्ट ने इंजीनियरिग डिपार्टमेंट से एनओसी मांगी थी। लेकिन इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ने एनओसी न देकर प्रोजेक्ट खुद लगाने की बात मीटिग में कही। इसके बाद भी अब करीब डेढ़ साल बीत चुका है, लेकिन फाइल आगे नहीं बढ़ी। पानी की निकासी के तर्क का अड़ंगा

loksabha election banner

इस प्रोजेक्ट में पटियाला की राव पर ऊपर लोहे के एंगल लगाकर सोलर पैनल लगाए जाने हैं। अब इंजीनियरिग डिपार्टमेंट की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि सोलर पैनल से ढकने के बाद राव के पानी निकासी में दिक्कत आएगी। हालांकि राव में बरसात के दिनों में ही अमूमन पानी रहता हैं। बाकी दिनों में यह सूखी रहती है। साथ ही पैनल गैप देकर लगाए जाने हैं, जिससे निकासी और साफ-सफाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी। पटियाला की राव के साथ लगते एरिया को डेवलप कर खूबसूरत बनाने का प्रस्ताव भी था। जिससे इसके आस-पास के लोग यहां घूम सकें। 69 मेगावाट का लक्ष्य कैसे होगा पूरा

मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी ने चंडीगढ़ प्रशासन को 2022 तक 69 मेगावाट तक सोलर एनर्जी जेनरेट करने का लक्ष्य दिया है। अभी तक 34 मेगावाट तक सोलर एनर्जी जेनरेट हो रही है। पटियाला की राव पर प्रोजेक्ट लगता है, तो यह आसानी से पूरा हो जाएगा। बिना इसके संभव नहीं है। जिससे चंडीगढ़ पिछड़ जाएगा। चंडीगढ़ की अधिकतर गवर्नमेंट बिल्डिंग कवर हो चुकी हैं। बहुत सी निजी इमारतों पर भी प्लांट लग चुके हैं। प्रशासन ने एक कनाल या उससे अधिक के घरों बिल्डिंग पर सोलर प्लांट लगाना अनिवार्य कर रखा है। बावजूद इसके लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा। सेक्टर-39 वाटर व‌र्क्स प्रोजेक्ट भी अधर में

सेक्टर-39 वाटर व‌र्क्स पर लगने वाला 15 मेगावाट का प्रोजेक्ट भी अधर में है। यह प्रोजेक्ट भी बहुत अहम है। इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर में कुछ बदलाव होने से इसका रीएस्टीमेट होने की बात कही जा रही है। अब देखना यह होगा कि प्रोजेक्ट पर काम कब शुरू होता है। पटियाला की राव के प्रस्तावित सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट पर इंजीनियरिग डिपार्टमेंट काम कर रहा है। पहले क्रेस्ट ने इस पर काम शुरू किया था, लेकिन बाद में इंजीनियरिग डिपार्टमेंट ने खुद लगाने की इच्छा जताई। जिसके बाद अब उन्हीं के एंड पर फाइल है।

-देबेंद्र दलाई, सीईओ, क्रेस्ट पटियाला की राव पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने का प्लान है। लेकिन प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले सभी पहलूओं पर गौर करना जरूरी है। इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

-मुकेश आनंद, चीफ इंजीनियर, चंडीगढ़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.