'एमएसजी-2' पर रोक से खफा डेरा समर्थकों ने अंजाम दिया था बेअदबी कांड
पंजाब में धार्मिक ग्रंथों से बेअदबी की घटनाएं डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने किया था। उन्हाेंने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म एमएसजी2 पर रोक से नाराज होकर ऐसा किया।
चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं के पीछे डेरा सच्चा सौदा का हाथ पाया गया है। दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड-2 (एमएसजी-2) के प्रदर्शन पर पंजाब में रोक लगाने से खफा डेरा समर्थकों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया था।
एसआइटी की रिपोर्ट में खुलासा, षड्यंत्र के पीछे डेरा प्रमुख का हाथ, दो महीने पहले सरकार को सौंपी थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि इस घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर अक्टूबर 2015 में पुलिस ने बहिबलकलां में फायरिंग कर दी थी, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी, जबकि कई जख्मी हुए थे। अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में फरीदकोट जिले के बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पन्ने फाड़ने की पहली घटना की जांच को लेकर आइपीएस रणबीर सिंह खटड़ा की अगुवाई में गठित स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सोमवार को आप विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि सरकार इस रिपोर्ट को छिपा कर डेरा प्रमुख को बचाने की कोशिश कर रही है।
सिख प्रचारक बलजीत सिंह दादूवाल को थी मारने की साजिश
एसआइटी ने बरगाड़ी की घटना पर मोगा के समलसर थाने में दर्ज रिपोर्ट की पड़ताल के बाद अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि राम रहीम के करीबी कोटकपूरा (फरीदकोट) निवासी मोहिंदर पाल उर्फ बिट्टू, हर्ष धुरी, प्रदीप कलेर व संदीप बरेटा ने सिख प्रचारक बलजीत सिंह दादूवाल को जान से मारने की साजिश रची थी। इस काम के लिए उन्होंने कोटकपूरा के सुखजिंदर सिंह उर्फ सन्नी व रणदीप सिंह उर्फ नीला का चयन किया था। उन्होंने मानसा स्थित भिक्खी गांव में जाकर दादूवाल पर हमले की साजिश तैयार की थी। यह साजिश सिरे नहीं चढ़ पाई।
कोटकपूरा के नाम चर्चा घर में रची गई साजिश
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस षड्यंत्र में शामिल मोहिंदर पाल, सुखजिंदर, रणदीप व हर्ष धुरी कोटकपूरा के नाम चर्चा घर में एकत्र हुए और साजिश रची। इसके बाद नई साजिश के तहत यह लोग बरगाड़ी के लिए निकल गए। वहां पर इन्होंने डेरा प्रेमी नरिंदर शर्मा को बस स्टैंड के पास खड़ा होने को कहा और खुद बुर्ज जवाहर सिंह वाला चले गए। यहां पर एक अन्य डेरा प्रेमी सुखजिंदर गुरुद्वारा
श्री बुर्ज जवाहर सिंह वाला से श्री गुरुग्रंथ साहिब की बीड़ (पवित्र ग्रंथ) उठाकर ले आया और डेरा प्रेमी रणदीप के साथ बाइक पर बैठकर निकल गया। वहां से दोनों नरिंदर शर्मा के पास पहुंचे और कहा कि वह हमारे पीछे-पीछे आए। यहां ये यह सभी लोग कोटरपूरा से थोड़ी दूर जाकर अन्य डेरा प्रमियों निशान सिंह, बलजीत सिंह, शक्ति व रंजीत से मिले। यह लोग पहले से ही वहां ऑल्टो कार में इंतजार कर रहे थे। इन लोगों ने शक्ति व बलजीत को बीड़ दे दी। वहां से सुखजिंदर, रणदीप व नरिंदर नाम चर्चा घर वापस लौट आए। बलजीत व शक्ति ने बीड़ बलजीत के घर बक्से में रख दी।
पोस्टर लगाकर भावनाएं भड़काईं
एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डेरा समर्थकों ने बीड़ उठाने की घटना के तीन माह बाद पोस्टर लगाकर लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की। क्योंकि सरकार ने राम रहीम की फिल्म एमएसजी-2 पर रोक लगा दी थी। इन लोगों ने 10 पोस्टर तैयार किए और 24 सितंबर 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारे की दीवारों पर लगा दिए। पोस्टर पर लिखी गई सामग्री मोहिंदर पाल ने तैयार की थी। इससे लोगों में रोष पैदा हो गया।
श्री गुरुग्रंथ साहिब के पन्ने फाड़कर गलियों में बिखेरे
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सुखजिंदर उर्फ सन्नी, निशान सिंह, बलजीत सिंह रंजीत सिंह उर्फ भोला व शक्ति सिंह कोटकपुर में 12 अक्टूबर, 2015 को इकट्ठा हुए और बलजीत सिंह बीड़ लेकर आया। यह लोग ए-स्टार कार पर बैठकर वहां से थोड़ी दूर निकल गए। सुखजिंदर ने बीड़ से 100 से 125 पन्ने फाड़ लिए और बाकी बीड़ दूसरी ऑल्टो कार में ही रख दी।
इसके बाद इन लोगों ने गुरुद्वारा साहिब के बाहर कुछ पन्ने फेंक दिए और कुछ गांव की गलियों में बिखेर दिए। बाकी की बीड़ शक्ति सिंह के पास दग्गो रोमाना गांव में उसके घर की आलमारी में रखवा दी। दूसरे दिन इन लोगों ने गांव की दूसरी सड़क पर बीड़ के पन्ने फेंके। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन लोगों ने पूछताछ के दौरान आरोपों को स्वीकार किया है।