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आखिरकार मिल गया मौका, मेयर की कुर्सी पर बैठे डिप्टी मेयर जगतार जग्गा

नगर निगम की सदन की बैठक के दौरान मेयर को किसी काम के लिए 45 मिनट बाहर जाना पड़ा। जब वह उठीं तो सीनियर डिप्टी मेयर सीट पर नहीं थे। ऐसे में डिप्टी मेयर जगतार जग्गा को बुलाया गया।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 10:31 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 10:31 AM (IST)
आखिरकार मिल गया मौका, मेयर की कुर्सी पर बैठे डिप्टी मेयर जगतार जग्गा
सीनियर डिप्टी मेयर को मेयर की कुर्सी पर बैठकर सदन चलाने का मिला मौका।

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। निगम के सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा और उनके करीबी पार्षद चाहते थे कि सदन की बैठक में उन्हें भी मेयर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिले। 29 अक्टूबर को हुई सदन की बैठक में आखिरकार उन्हें ही नहीं बल्कि डिप्टी मेयर जगतार जग्गा को यह मौका मिला। सदन की बैठक के दौरान मेयर को किसी काम के लिए 45 मिनट बाहर जाना पड़ा। जब वह उठीं तो सीनियर डिप्टी मेयर सीट पर नहीं थे। ऐसे में डिप्टी मेयर जगतार जग्गा को बुलाया गया। अभी डिप्टी मेयर मुश्किल से पांच मिनट ही मेयर की कुर्सी पर बैठे थे तभी रविकांत शर्मा पहुंच गए। उन्हें मेयर की कुर्सी पर बैठकर 40 मिनट तक सदन चलाने का मौका मिला। रविकांत शर्मा आगामी चुनाव के लिए मेयर पर के दावेदार भी हैं। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर ने सदन का नेतृत्व करने की तस्वीरें भी यादगार के तौर पर अपने पास रख ली हैं।

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देर आए दुरस्त आए मैडम

शहर की सांसद किरण खेर ने शनिवार सुबह अपने फेसबुक अकाउंट से ईद-मिलाद-उन-नबी का बधाई संदेश पोस्ट किया। लेकिन कई लोगों को उनका यह पोस्ट गवारा न गुजरा। लोगों ने उनके इस पोस्ट पर भड़ास निकाली कि उन्होंने शरद पूर्णिमा की बधाई क्यों नहीं दी। आलोचना करने वालों में भाजपा के कार्यकर्ता भी शामिल रहे। जबकि कई लोगों ने ईद की बधाई का जवाब शरद पूर्णिमा की बधाई देकर दिया। शाम तक 335 लोगों ने सांसद किरण खेर के इस पोस्ट पर कमेंट किया। ज्यादातर लोगों ने कमेंट करके शरद पूर्णिमा की बधाई न देने पर रोष जाहिर किया। जिस पर मजबूर होकर शाम को सांसद किरण खेर को अपने फेसबुक अकाउंट से शरद पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामना का एक मैसेज पोस्ट करके अपने आलोचकों को चुप करवाना पड़ा। जिस पर अजय सिंह गोसाइ ने कॉमेंट किया कि देर आए दुरुस्त आए मैडम जी।

छाबड़ा-बबला विवाद में ग्रुप डिलीट

कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा और पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला की आपसी टसल में पार्टी का राजनीति राजनेता नाम से बना ग्रुप डिलीट कर दिया गया। शनिवार रात को इस ग्रुप में विवाद पवन बंसल के नाम के साथ जी न लिखने पर शुरू हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष छाबड़ा ने वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में सभी को आने के लिए मैसेज डाला। मैसेज में पवन बंसल, हरीश रावत का भी नाम लिखा था। जिस पर कांग्रेस पार्षद दल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पवन बंसल के नाम के साथ जी लगाना चाहिए। जिस पर छाबड़ा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह इस ग्रुप में जवाब नहीं देना चाहते और भविष्य में जो भी उनके बारे में लिखना हो तो उन्हें निजी तौर मैसेज करें। छाबड़ा ने बबला को कहा कि उन्हेंं सीखने की कोई जरूरत नहीं। इसके बाद एडमिन ने ग्र्रुप से सभी को निकलना शुरू कर दिया।

खूब छूट रहे हैं पसीने

निगम ने यह तय किया है कि शहर में अतिक्रमण के चालान ई चालान से ही कटेंगे। लेकिन अपने मोबाइल से ई चालान काटने में कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में अब चालान की संख्या भी कम हो गई है। कारण यह है कि कई बार अतिक्रमण करने वालों को पकडऩे के बाद भी उन्हें बिना चालान किए ही छोडऩा पड़ रहा है। क्योंकि जब ई चालान काटने लगते हैं तो कई बार इंटरनेट कमजोर पड़ जाता है तो कई बार मोबाइल डाटा क्षमता कम होने के कारण हैंग हो जाता है। लेकिन अधिकारियों ने दस्ते के सब इंस्पेक्टरों पर चालान काटने का दबाव बनाया हुआ है। ऐसे में सब इंस्पेक्टरों अब मांग कर रहे हैं कि ई चालान के लिए उन्हें अधिक डाटा और 4जी स्पीड वाला इंटरनेट उपलब्ध करवाया जाए तभी ई चालान का अभियान कामयाब हो पाएगा।


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