पुलवामा के शहीदों को समर्पित होगा 22 से शुरू होने वाला रोज फेस्टिवल
फेस्टिवल शहीद हुए जवानों को समर्पित होगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : 22 से 24 फरवरी को होने वाला इस बार का रोज फेस्टिवल पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को समर्पित होगा। सोमवार को नगर निगम कमिश्नर केके यादव और सीनियर डिप्टी मेयर हरदीप ¨सह के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। यह भी फैसला लिया गया है कि रोज फेस्टिवल काफी साधारण तरीके से आयोजित किया जाएगा। ऐसे में कोई यहां पर इव¨नग स्टार नाइट का आयोजन नहीं होगा, जिस पर प्रशासन का हर साल लाखों रुपये खर्च होता था। खर्चे में कटौती करके 25 लाख रुपये की राशि शहीद हुए परिवार के सदस्यों को दी जाएगी। इसके अलावा यह भी निर्णय लिय गया है कि नगर निगम के सभी 35 पार्षद एक माह का मानदेय भी शहीदों के परिवारो को देंगे। कोई स्टार नाइट प्रोग्राम नहीं होगा, देशभक्ति का दिखेगा रंग
नगर निगम के अनुसार कोई भी स्टार नाइट का आयोजन नहीं होगा। सिर्फ एक दिन इव¨नग कार्यक्रम का आयोजन होगा, लेकिन वह भी पूरी तरह से देशभक्ति पर समर्पित होगा। इस कार्यक्रम में सीआरपीएफ के एक सीनियर अधिकारी को बुलाया जाएगा। उन्हें ही शहीदों के परिवार को दी जाने वाली राशि का चेक दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि रोज गार्डन में एक ऐसा स्थल भी तय किया जाएगा, जहां पर लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। रोज फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह में सिर्फ आर्मी बैंड का ही प्रयोग किया जाएगा। मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए जो ढोल नगाड़े बजाए जाते थे, वह नहीं होगा। तीनों दिन फेस्टिवल में देशभक्ति का माहौल ही रहेगा। सिर्फ रोज ¨प्रस और प्रिंसेज प्रतियोगिता ही होंगी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि सिर्फ बच्चों से जुड़ी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिसमे रोज ¨प्रस एंड ¨प्रसेज और पें¨टग प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। मिस्टर एंड मिस रोज प्रतियोगिता और सीनियर सिटीजन के लिए रोज ¨कग और रोज क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन नहीं होगा। फोक डांस का भी आयोजन नहीं किया जाएगा। नवविवाहित जोड़ों के बीच जो प्रतियोगिता होती थी, वह भी नहीं होगी। महंगा टैंट नहीं लगेगा
नगर निगम ने रोज फेस्टिवल में 25 लाख रुपये का टैंट लगाने का निर्णय लिया था। लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि बिल्कुल साधारण का टैंट लगाया जाएगा। 5.60 लाख रुपये का खर्चा प्रवेश और बाहरी मार्ग को फूलों से सजाने, अतिथियों के गुलदस्ते और बागवानी के अन्य सजावटी सामान के लिए रखा गया है, उसमे भी कटौती करने का फैसला लिया गया है। बबला और कैंथ ने रखा था फेस्टिवल खारिज करने का प्रस्ताव
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र ¨सह बबला और भाजपा से बागी हुए पार्षद सतीश कैंथ ने मी¨टग में रोज फेस्टिवल को पूरी तरह से खारिज करने की मांग रखी थी। कैंथ ने लिखित में कमिश्नर को पत्र देकर कहा कि फेस्टिवल पर खर्च की जाने वाली पूरी 75 लाख की राशि शहीदों के परिवार को दे दी जाए। लेकिन अंत में कमिश्नर ने कहा कि ऐसा कुछ किया जाए, जिससे फेस्टिवल का भी आयोजन हो जाए और शहीदों के परिवारो की मदद भी हो जाए, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि साधारण तरीके से फेस्टिवल का आयोजन किया जाए। यह निर्णय लिया गया कि इस फेस्टिवल में कोई भी फिजूलखर्ची नहीं की जाएगी।