पंजाब कैबिनेट का बड़ा फैसला: 12 वर्ष से कम आयु की लड़की से दुष्कर्म पर मौत की सजा
पंजाब में अब 12 वर्ष से कम आयु की लड़की से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा मिलेगी। पंजाब सरकार ने इस संबंध में केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश को राज्य में भी लागू किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को बड़ा फैसला किया। मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र सरकार के दुष्कर्म संबंधित अहम अध्यादेश को राज्य में लागू करने को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही अब पंजाब में भी 12 साल से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा होगी। वहीं, दुष्कर्म पर न्यूनतम सजा को सात साल से बढ़ा कर दस साल कर दिया गया है।
दुष्कर्म के संबंधित केंद्र का अध्यादेश लागू करने को पंजाब मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
16 साल से कम आयु की लड़की के साथ दुष्कर्म के लिए कम से कम उम्रकैद की सजा होगी, जो पहले 20 वर्ष थी। इसे बढ़ाकर अब ताउम्र कर दिया गया है। इस अध्यादेश के अंतर्गत कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (सीआरपीसी) में भी संशोधन किया गया है, जिससे दुष्कर्म के मामलों में जांच दो माह में मुकम्मल करना अनिवार्य होगा।
-16 साल से कम आयु की लड़की से दुष्कर्म पर कम से कम उम्रकैद, दो माह में सुनवाई पूरी करना अनिवार्य
दुष्कर्म के मामलों पर सुनवाई दो महीनों में पूरी करना जरूरी होगा और दुष्कर्म के सभी मामलों में अपील के निपटारे के लिए छह महीनों का समय तय किया गया है। 12 और 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में नामजद अपराधियों के लिए अगामी जमानत संबंधी मद में भी संशोधन किया गया है।
दुष्कर्म पर न्यूनतम सजा को सात साल से बढ़ा कर दस साल किया
अध्यादेश में किए गए प्रावधान के अनुसार, जमानत अर्जी पर फैसले से पहले हाईकोर्ट या सेशन कोर्ट की तरफ से सुनवाई में पेश होने के लिए सरकारी वकील को 15 दिन पहले नोटिस दिया जाएगा। पीडि़त की ओर से अधिकृत किए व्यक्ति की मौजूदगी भी जरूरी होगी।
आर्थिक अपराध कर देश छोड़ने वालों की संपत्ति होगी जब्त
आर्थिक अपराधों में देश छोड़कर भागने भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को अब अटैच या जब्त किया जा सकेगा। पंजाब सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र के एक अध्यादेश को राज्य में लागू करने को मंजूरी दे दी है। देश में हाल ही में हुए आर्थिक घपलों खासतौर पर 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के कारण केंद्र सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा है।
इन घोटालों में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़ कर भाग गए थे। इस अध्यादेश से अपराधी को भारत आकर अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को वित्तीय घोटालों में से उगाही होने की उम्मीद है और इसके साथ इनकी आर्थिक हालत में भी सुधार आएगा।