जांच कमेटी पता लगाएगी अस्पताल में बुजुर्ग की मौत हादसा था या लापरवाही
मंगलवार रात सेक्टर-16 स्थित जीएमएसएच की छठी मंजिल से नीचे गिरने के कारण हुई बुजुर्ग की मौत मामले में अस्पताल प्रशासन और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट खुद के बचाव में उतर आए हैं।
By Edited By: Published: Wed, 22 May 2019 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 09:23 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मंगलवार रात सेक्टर-16 स्थित जीएमएसएच की छठी मंजिल से नीचे गिरने के कारण हुई बुजुर्ग की मौत मामले में अस्पताल प्रशासन और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट खुद के बचाव में उतर आए हैं। मामले में दोनों तरफ से एक-दूसरे को दोषी ठहराया जा रहा है। कोई पक्ष इस मामले में अपनी चूक मानने को तैयार नहीं है। शौचालय का आपातकालीन दरवाजा खुले होने के कारण नीचे गिरकर हुई बुजुर्ग मरीज की मौत के इस मामले में अस्पताल प्रशासन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को दोषी ठहरा रहा है। उनका कहना है कि शौचालय में दो-दो दरवाजे बनाने की क्या जरूरत थी। वहीं इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के आला अधिकारी इसे अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में चूक मान रहे हैं। हालांकि डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ डॉ. जी दीवान ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है।
कमेटी को जांच रिपोर्ट देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। धनास के कच्ची कॉलोनी के रहने वाले 65 वर्षीय रामपाल की मौत मंगलवार रात अस्पताल के शौचालय के दरवाजे से नीचे गिरकर हुई थी। वह अस्पताल के 6वीं मंजिल पर बेड नंबर 16 पर भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। घटना के बाद बुधवार को अस्पताल की छठी मंजिल के वार्ड में भर्ती मरीजों व उनके परिजनों के चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था। हर कोई बुजुर्ग मरीज की मौत की घटना की चर्चा कर अपने मरीज की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहा था। मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में इतने सारे डोर हैं कि मरीज ही नहीं परिजन भी धोखा खा सकते हैं।
वार्ड में भर्ती मुल्लांपुर के 72 वर्षीय मेवा सिंह और जम्मू-कश्मीर के एमएन कौर ने कांपती हुई आवाज में अपने डर को बयां किया। उनका कहना था कि ऐसी घटना होगी कभी सोच भी नहीं सकते थे। दरवाजों पर लगवाए ताले सुरक्षा में चूक का संज्ञान होते ही अस्पताल प्रशासन ने पूरे अस्पताल के डक्ट डोर को चेक कराया। जहां ताले नहीं लगे थे वहां तत्काल ताला लगाया गया।
अस्पताल की बिल्डिंग काफी पुरानी है। उसे इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने बनाया है। डक्ट डोर क्यों बनाया गया इसके बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है। -डॉ. नागपाल, एमएस, जीएमएसएच 16 सेक्टर।
बिल्डिंग बनाने की जिम्मेदारी हमारे डिपार्टमेंट की है। जहां तक डक्ट डोर से गिरकर मरीज की मौत का मामला है तो यह अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में चूक का मामला है। - राजेन्द्र सिंह अहलुवालिया, सीनियर इंजीनियर, पब्लिक हेल्थ।
कमेटी को जांच रिपोर्ट देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। धनास के कच्ची कॉलोनी के रहने वाले 65 वर्षीय रामपाल की मौत मंगलवार रात अस्पताल के शौचालय के दरवाजे से नीचे गिरकर हुई थी। वह अस्पताल के 6वीं मंजिल पर बेड नंबर 16 पर भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में परेशानी थी। घटना के बाद बुधवार को अस्पताल की छठी मंजिल के वार्ड में भर्ती मरीजों व उनके परिजनों के चेहरे पर डर साफ नजर आ रहा था। हर कोई बुजुर्ग मरीज की मौत की घटना की चर्चा कर अपने मरीज की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहा था। मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में इतने सारे डोर हैं कि मरीज ही नहीं परिजन भी धोखा खा सकते हैं।
वार्ड में भर्ती मुल्लांपुर के 72 वर्षीय मेवा सिंह और जम्मू-कश्मीर के एमएन कौर ने कांपती हुई आवाज में अपने डर को बयां किया। उनका कहना था कि ऐसी घटना होगी कभी सोच भी नहीं सकते थे। दरवाजों पर लगवाए ताले सुरक्षा में चूक का संज्ञान होते ही अस्पताल प्रशासन ने पूरे अस्पताल के डक्ट डोर को चेक कराया। जहां ताले नहीं लगे थे वहां तत्काल ताला लगाया गया।
अस्पताल की बिल्डिंग काफी पुरानी है। उसे इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने बनाया है। डक्ट डोर क्यों बनाया गया इसके बारे में कुछ भी बताना मुश्किल है। -डॉ. नागपाल, एमएस, जीएमएसएच 16 सेक्टर।
बिल्डिंग बनाने की जिम्मेदारी हमारे डिपार्टमेंट की है। जहां तक डक्ट डोर से गिरकर मरीज की मौत का मामला है तो यह अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में चूक का मामला है। - राजेन्द्र सिंह अहलुवालिया, सीनियर इंजीनियर, पब्लिक हेल्थ।
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