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पंजाब में बदली सीएम आफिस की संस्कृति, रात 3 बजे तक खुला CMO, हर बुधवार को होगी कैबिनेट बैठक

निजाम बदलते ही पंजाब सीएम की कार्य संस्कृति भी बदल गई है। सीएम गत देर रात तक सीएम व दोनों डिप्टी सीएम आफिस में बैठे रहे। अफसर भी उनके साथ मौजूद रहे। अब राज्य में हर बुधवार को कैबिनेट बैठक होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 08:22 AM (IST)
देर रात तक सीएमओ में बैठे मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व अफसर।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री बदलते ही पंजाब सीएमओ का माहौल इस कदर बदल जाएगा, यह शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी रात को तीन बजे तक अपने अफसरों के साथ मुख्यमंत्री दफ्तर में काम करते रहे। शायद यह पहला मौका होगा जब इतनी देर रात तक सीएमओ खुला जो पिछले साढ़े चार साल में अंगुलियों पर गिने जा सकने वाले दिनों में खुला था।

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वैसे तो उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कल कहा था कि पहले जो मंत्री तीन चार घंटे काम करते थे अब उन्हें पंद्रह घंटे काम करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने तो इसकी शुरूआत कर दी है। इससे पहले जब शनिवार को उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चयनित कर लिया गया था तो वह देर रात डेढ़ बजे तक विधायकों, पूर्व मंत्रियों के घर जा जाकर उनसे मिलते रहे। सुबह सवेरे उठते ही खुद ही गाड़ी चलाकर वह चमकौर साहिब में गुरुद्वारा कत्लगढ़ साहिब में नतमस्तक होने चले गए। शपथ ग्रहण के लिए चंडीगढ़ आए और फिर से अपने विधानसभा हलके में जाकर उन लोगों से मिले जिन्होंने उन्हें सत्ता की सीढ़ियों पर चढ़ाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने काम करने की जो संस्कृति बनाई थी, चन्नी के आने से वह उलट रही है। कैप्टन के कार्यकाल में ज्यादातर मंत्रियों ने अपने घर से काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी ने कहा है कि अब सभी मंत्री सचिवालय में अपने दफ्तरों में बैठकर काम करेंगे। यही नहीं, जो मंत्री पिछले कई महीनों से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से फिजिकल तौर पर कैबिनेट की मींटिंग करने की मांग कर रहे थे अब उन्हें यह मांग करने की जरूरत नहीं होगी। सिविल सचिवालय में हर बुधवार को 11 बजे कैबिनेट की मीटिंग हुआ करेगी। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि महीने से ज्यादा समय तक कैबिनेट न हो तो दर्जनों एजेंडे इकट्ठे हो जाते हैं और उन पर चर्चा नहीं हो पाती, इसलिए हर बुधवार को कैबिनेट करने का फैसला लिया गया है।


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