नेशनल यूथ फेस्टिवल में सीयू ने जीती ओवरऑल ट्रॉफी
एसोसिएट ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआइयू) द्वारा अमेटी यूनिवर्सिटी नोएडा द्वारा आयोजित फेस्ट में सीयू ने मारी बाजी।
जासं, चंडीगढ़ : एसोसिएट ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआइयू) द्वारा अमेटी यूनिवर्सिटी नोएडा द्वारा 35वें नेशनल यूथ फेस्ट का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूआं ने बाजी मारते हुए ओवरऑल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इसमें खास यह रहा कि सीयू को अस्तित्व में आए केवल आठ वर्ष ही हुए हैं और इन आठ वर्षो में नेशनल लेवल पर ट्रॉफी जीतना बड़ी बात है। प्रतियोगिता में देशभर से 93 पुरानी और दिग्गज संस्थानों से भी हिस्सा लिया था। यूनिवर्सिटी की जीत पर वीरवार को सीयू ने प्रेस क्लब में एक प्रेसवर्ता का आयोजन किया। जिसमें यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर डॉ. आरएस बावा ने प्रतियोगिता के बारे में अधिक जानकारी दी। वीसी डॉ. बावा ने बताया की विभिन्न कैटेगरी में नौ गोल्ड और चार सिल्वर और एक कांस्य पदक जीतकर यूथ फेस्ट की ओवरआल ट्रॉफी अपने नाम की। पांच वर्ष बाद पंजाब की यूनिवर्सिटी ने जीती ट्रॉफी
डॉ. बावा ने बताया कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के होनहार विद्यार्थियों की मेहनत की वजह से पांच वर्षो के अंतराल के पश्चात पंजाब की किसी यूनिवर्सिटी ने एआइयू की राष्ट्रीय स्तर पर ओवरऑल ट्रॉफी अपने नाम करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह सच में संस्थान के लिए गर्व करने वाला क्षण है। थिएटर और फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स ने किया कमाल
डॉ. बावा ने बताया कि 35वें एआइयू नेशनल यूथ फेस्टिवल की ओवरआल ट्रॉफी जीतने के अतिरिक्त संस्थान छात्रों ने थिएटर और फाइन आर्ट्स में भी ओवरआल ट्रॉफी अपने नाम की है। उन्होंने बताया कि वन एक्ट प्ले, स्किट, डांस, क्ले मॉडलिग, स्पॉट फोटोग्राफी, इंस्टालेशन, प्रोसेशन में पहला स्थान, ऑन द स्पॉट पेटिग, पोस्टर मेकिग, ग्रुप सांग (वेस्टर्न) और वोकल सोलो (वेस्टर्न) में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने दूसरा स्थान तथा मिमिक्री में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। नाटक द्वारा दिखाई था लोगों की गलत मानसिकता
संस्थान के स्टूडेंट्स ने समाज में महिलाओं के लिए गलत मानसिकता रखने वाले और वर्तमान में महिलाओं के मानसिक और शारीरिक शोषण की स्थिति को उजागर करते हुए कासिमा नामक वन एक्ट प्ले द्वारा समाज को आइना दिखाने का प्रयास किया। नाटक में दिखाया गया कि महिलाओं के प्रति आज कल लोगों की गलत मानसिकता हो गई है। इस वजह से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।