निशुल्क बुक करें सीटीयू एसी बसों में सीट, ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी ने सिस्टम किया लॉन्च Chandigarh News
यात्रियों की सुविधा को देखते हुए ऑनलाइन पोर्टल के साथ ही बुकिंग एप भी लॉन्च की गई है। इसे सीटीयू मुसाफिर एप नाम दिया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) एसी बसों की टिकट के लिए अब लाइनों में नहीं लगना होगा। अपनी सुविधा अनुसार यात्री ऑनलाइन ही टिकट बुक करा सकते हैं। सीटीयू ने सोमवार को औपचारिक तौर पर बसों की ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम को लॉन्च किया है।
ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी एके सिंगला ने सोमवार को यूटी सेक्रेटेरिएट में डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मौजूदगी में इस सिस्टम को लॉन्च किया। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए ऑनलाइन पोर्टल के साथ ही बुकिंग एप भी लॉन्च की गई है। इसे सीटीयू मुसाफिर एप नाम दिया गया है। इन दोनों ही प्लेटफार्म से बस की ऑनलाइन टिकट बुक करा सकते हैं।
फिलहाल सिर्फ एसी बस ही ऑनलाइन बुक हो सकेगी। ऑर्डिनरी की काउंटर से ही टिकट मिलेगी। लंबे समय से सीटीयू की बसों में ऑनलाइन सीट बुकिंग सर्विस देने की मांग हो रही थी। एसी बसें आने के बाद इसकी जरूरत और ज्यादा बढ़ गई थी। इन बसों के लिए भी लोगों को ऑर्डिनरी बसों की तरह ही काउंटर पर पहुंचकर लाइनों में लगकर टिकट लेनी पड़ती थी।
ऑनलाइन बुकिंग पर नहीं लगेगा कोई चार्ज
खास बात यह है कि ऑनलाइन बुकिंग पर यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। जितने की टिकट होगी उतना ही पैसा देना होगा। हरियाणा सहित अन्य रोडवेज ऑनलाइन बुकिंग पर अतिरिक्त शुल्क लेते हैं। हरियाणा में वोल्वो बस की ऑनलाइन बुकिंग पर करीब 25 रुपये अतिरिक्त वसूल किए जाते हैं। दूसरे राज्य भी इसी तरह से चार्ज करते हैं। टिकट यात्रा करने के 10 दिन पहले तक बुक करा सकते हैं। जबकि शेड्यूल डेट और बस जाने के एक घंटा पहले तक भी टिकट बुक करा सकते हैं।
51 रूट पर 167 इंटर स्टेट बस
सीटीयू लोकल सर्विस के साथ ही 51 लांग रूट पर 167 इंटर स्टेट बस चला रहा है। इनमें से 79 एसी बसें हैं। इन एसी बसों की टिकट ऑनलाइन बुक होगी। हालांकि पहले 70 लांग रूट बसों पर सीटीयू बस चलती थी। अभी भी 19 रूट ऐसे हैं जिन्हें खोला नहीं जा सका है। पूर्व प्रशासक शिवराज पाटिल ने सभी लांग रूट से बसों को हटाकर सिटी सर्विस में लगा दिया था। प्रशासक बदलने के बाद दोबारा से लांग रूट खोले गए।
एसी बसों से रोजाना छह लाख कमाई
सीटीयू को जब से यह एसी बसें मिली हैं, उसका रेवेन्यू बढ़ गया है। 79 एसी बस मिलने से सीटीयू का घाटा कुछ हद तक कम हो गया है। अब सीटीयू को रोजाना लगभग छह लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है। जिससे मासिक दो करोड़ रुपये का रेवेन्यू अधिक जुटने लगा है। यह बसें दूसरे प्रदेशों की लग्जरी बसों पर भी भारी पड़ रही हैं। दोनों बसों में से पैसेंजर्स एसी बस में सफर करना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। इसका मुख्य कारण इसका आकर्षक फेयर भी है। एसी बस में ऑर्डिनरी बस से महज 20 फीसद किराया अधिक लगता है। लग्जरी बसों में लगभग दोगुना किराया लगता है। अगले कुछ दिनों में 40 और एसी बसें सीटीयू को मिल जाएंगी।