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गारबेज प्लांट को लेकर क्रेडिट वार शुरू, लोग मना रहे दिवाली

कब्जे के दौरान भी कालिया और मेयर राजबाला मलिक मौके पर पहुंचे और बाद में उन्होंने फेसबुक पर लाइव होते हुए कहा कि इस समय डड्डूमाजरा के लोगों में दिवाली का माहौल है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 03:43 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 03:43 PM (IST)
गारबेज प्लांट को लेकर क्रेडिट वार शुरू, लोग मना रहे दिवाली
गारबेज प्लांट को लेकर क्रेडिट वार शुरू, लोग मना रहे दिवाली

चंडीगढ़, [राजेश, ढल्ल]। नगर निगम ने जेपी गारबेज प्लांट का कब्जा अपने हाथों में लिया तो क्रेडिट लेने की वार भी शुरू हो गई। किसी ने भी चुनौतियों के बारे में नहीं सोचा। डड्डूमाजरा निवासी एवं पूर्व मेयर राजेश कालिया ने तो कार्रवाई को दिवाली के साथ जोड़ दिया। कब्जे के दौरान भी कालिया और मेयर राजबाला मलिक मौके पर पहुंचे और बाद में उन्होंने फेसबुक पर लाइव होते हुए कहा कि इस समय डड्डूमाजरा के लोगों में दिवाली का माहौल है। लोग लड्डू बांट रहे हैं। कालिया ने इसका क्रेडिट एमसी कमिश्नर के अलावा मेयर राजबाला मलिक, भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और पार्षदों को भी दिया। उन्होंने डड्डूमाजरा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर खुद द्वारा प्लांट के खिलाफ दिए धरने का भी जिक्र किया। लेकिन अब विपक्ष का कहना है कि प्लांट तो कब्जे में ले लिया है, लेकिन अब शहर का सारा कचरा भी प्रोसेस करके दिखाया जाए।

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दिखाई देना भी हुए बंद

दो सप्ताह पहले एमसी के जिन दो अधिकारियों की अपने बॉस के सामने हाथापाई हो गई थी। उनमें से एक अधिकारी से अतिरिक्त चार्ज वापस ले लिया गया था। अब यह अधिकारी भी नगर निगम में कम ही दिखते हैं। जबकि पहले इधर-उधर टहलते दिखाई दे जाते थे। इस अधिकारी ने हाथापाई की जानकारी अपने इंजीनियर दोस्त को भी नहीं दी। जबकि यह अधिकारी अपने दोस्त से कोई बात नहीं छुपाता है। ऐसे में दोस्त को भी इस बात की नाराजगी है कि उसने जानकारी नहीं दी। यह बात बाहर से ही पता लगी। लेकिन अब भी दोस्त के पूछने पर वह अधिकारी हाथापाई की बात मानने को तैयार नहीं है। दोनों अधिकारियों को बॉस ने सख्त चेतावनी दी थी कि अगर बात बाहर गई तो दोनों को सस्पेंड कर देंगे। इसी डर से दोनों ने चुप्पी साध ली है। अन्य कर्मचारी भी हैरान हैं कि मामला दबा दिया गया।

फंड नहीं, तो फिर क्यों बनी साइट

एमसी में इस समय वित्तीय संकट गर्मा गया है। काम के लिए फंड नहीं है। अधिकारियों और पार्षदों को जानकारी है। सभी काम रोक भी दिए गए हैं। ऐसे में पार्षद हर दिन अधिकारियों को फोन करके अपने वार्ड में रुके हुए काम शुरू करने का दबाव बनाते हैं। जब अधिकारी बताते हैं कि काम के लिए पैसा नहीं है, तो पार्षद दूसरे वार्ड के पार्षद के यहां पर चल रहे कामों की जानकारी देते हैं। ऐसे में अब पार्षदों का ध्यान दूसरे वार्डों में चल रहे कामों पर है। एक कांग्रेस पार्षद ने अपने वार्ड में काम को शुरू करने को कहा तो इंजीनियर ने कहा कि फंड नहीं है। जिस पर उन्होंने सेक्टर-22 की शास्त्री मार्केट के सामने बन रही 12 वेंडिंग जोन साइट का जिक्र कर दिया। इस पर अधिकारी के पास जवाब नहीं था। असल में सेक्टर-22 का एरिया सीनियर डिप्टी मेयर के वार्ड में आता है।

खेर के सवाल पर चुप्पी

कोरोना काल में इस समय भाजपा के नेता अलग-अलग जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। अपनी उपस्थिति दर्ज करने की राजनीति भी कर रहे हैं। वहीं, उन्हें अपनी सांसद के न दिखाई देने के भी सवाल ङोलने पड़ते हैं। जबकि सांसद के घर से न निकलने के मामले को भाजपा के खुद के नेता भी चुपके भुना रहे हैं। ताकि हाईकमान को जानकारी हो सके कि कौन ज्यादा काम कर रहा है। कांग्रेस नेताओं की ओर से भी भाजपा पर वार किया जा रहा है। लेकिन सार्वजनिक तौर पर जब कोई पूछता है तो भाजपा नेता हंसते हुए चुप्पी साध लेते हैं। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद से पूछा तो जवाब मिला कि सांसद खेर डायबिटीज की मरीज हैं और उन्हें डॉक्टरों ने बाहर न निकलने की सलाह दी है। मेयर राजबाला मलिक से भी जब कोई सवाल पूछता है तो वे भी बचाव की मुद्रा में नजर आती हैं।


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