सीजीसी कॉलेज प्रबंधकों को तीन-तीन साल कैद
जागरण संवाददाता, मोहाली : सीजीसी लाडरा कॉलेज के प्रबंधकों को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से
जागरण संवाददाता, मोहाली : सीजीसी लाडरा कॉलेज के प्रबंधकों को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से परमिशन लिए बिना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट लगाने के मामले में मोहाली की एक अदालत ने वाटर एक्ट-1974 की धाराओं के तहत तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई है। मोहाली के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अमित थिंद की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीजीसी लाडरा कॉलेज के चेयरमैन सतनाम सिंह संधू, वाइस चेयरमैन धर्मपाल सिंह, डायरेक्टर गुरमीत सिंह गिल, जनरल सचिव रशपाल सिंह धालीवाल व सेक्रेटरी चेयरमैन धर्मपाल सिंह, डायरेक्टर गुरमीत सिंह गिल, जनरल सचिव रशपाल सिंह धालीवाल व सेक्रेटरी फाइनास रविंदर सिंह को दस-दस हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है। पाच लोगों द्वारा अदालत में जमानती बाड व जुर्माना भर दिया गया है और उनके द्वारा ऊपरी अदालत में अपील दायर की जाएगी। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट विशाल कौशल ने बताया कि सीजीसी लाडरा कॉलेज को गुरु रामदास एजुकेशन सोसायटी चलाती है। उक्त कॉलेज में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट भी लगा हुआ है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट लगवाने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा इजाजत लेनी होती है। परंतु उक्त कॉलेज द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट लगाने संबंधी किसी तरह की कोई इजाजत नहीं ली गई। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा सीजीसी लाडरा कॉलेज के प्रबंधकों को कई बार नोटिस देकर दफ्तर बुलाया और वाटर एक्ट अनुसार शर्तें पूरी करने के लिए कहा। परंतु कॉलेज प्रबंधकों द्वारा शर्तें पूरी करने के बजाय उल्टा कॉलेज के नजदीक लगते नाले में कॉलेज का सारा पानी आदि फेंक दिया गया। एडवोकेट विशाल कौशल ने बताया कि वाटर एक्ट के अनुसार कॉलेज यह पानी सीधा किसी भी नाले में फेंक नहीं सकता। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा हारकर 2014 में मामला दर्ज उठाया गया था।