कोलकाता स्मार्ट सिटी के टॉप-100 में ही नहीं, फिर किसकी स्टडी करेंगे पार्षद
नगर निगम के मेयर ने दावा किया है कि पार्षदों के कोलकाता और तिरुवनंतपुरम के स्टडी टूर के दौरान वहां पर चल रहे स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
नगर निगम के मेयर ने दावा किया है कि पार्षदों के कोलकाता और तिरुवनंतपुरम के स्टडी टूर के दौरान वहां पर चल रहे स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। मगर, इस टूर को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कोलकाता अभी तक स्मार्ट सिटी के टॉप-100 में भी जगह नहीं बना सका है। वहीं इस मामले में केरल के शहर तिरुवनंतपुरम की भी रैंकिंग 70वीं है। इस तरह यह दोनों शहर फिलहाल चंडीगढ़ से पीछे हैं। पिछले साल चंडीगढ़ की रैंकिंग 67वीं थी। जाहिर है जब दोनों ही शहर खुद चंडीगढ़ से पीछे हैं, तो पार्षद वहां का टूरकर भला क्या नया सीखेंगे?
गौरतलब है कि पार्षदों के इस स्टडी टूर पर तीस लाख रुपये खर्च होंगे। छह दिन के इस टूर पर पार्षद 21 दिसंबर को रवाना होंगे।
असल में पश्चिम बंगाल की सरकार ने केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल न होने का निर्णय लिया था। इस वजह से प्रशासनिक स्तर पर कोलकाता के लिए स्मार्ट सिटी का आवेदन ही नहीं किया गया।
दूसरी ओर कांग्रेस ने फैसला लिया है कि फंड की कमी को देखते हुए पार्टी के पार्षद ऐसे किसी टूर पर नहीं जाएंगे। अभी तक जितने भी स्टडी टूर गए हैं, उनमें से किसी का भी फायदा चंडीगढ़ के लोगों को नहीं मिला है। आपत्ति के बावजूद न्यू टाउन सिटी को स्मार्ट सिटी में डाला, मगर वहां भी नहीं हुआ कोई काम
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अपने राज्य का कोई भी शहर स्मार्ट सिटी में शामिल न डालने के लिए कहा था। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने कोलकाता से बाहर के शहर न्यू टाउन को स्मार्ट सिटी में शामिल कर दिया। मगर वहां के प्रशासन ने भी स्मार्ट सिटी के तहत कोई काम नहीं किया था। जिस कारण पिछले साल स्मार्ट सिटी की जो रैंकिग जारी की गई, उसमें वह 92 वें स्थान आया। जबकि चंडीगढ़ की रैकिग 67 वें नंबर पर रही थी। भाजपा के अपने पार्षद भी कतरा रहे हैं टूर पर जाने से
शहर में विकास के लिए फंड न होने के बावजूद पार्षदों के स्टडी टूर को लेकर नगर निगम की किरकिरी हो रही है। ऐसे में अब भाजपा के चंद पार्षद भी टूर पर जाने से कतरा रहे हैं। भाजपा के कुल 20 पार्षद हैं। 26 दिसंबर को स्टडी टूर से पार्षद वापस लौटेंगे। उसके बाद मेयर चुनाव के दावेदारों पर मंथन शुरू हो जाएगा।
नाराज पार्षदों को मनाने के लिए मेयर करा रहे टूर : कैंथ
कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि मेयर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। भाजपा पार्षद भी इस समय अपने वार्ड के काम न होने से परेशान हैं। ऐसे में मेयर इस तरह के टूर पर फिजूलखर्ची कर सिर्फ पार्षदों को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब कोलकाता स्मार्ट सिटी के 100 शहरों में ही शामिल नहीं है तो फिर पार्षद वहां जाकर क्या करेंगे। इस तरह के टूर सैर सपाटे से ज्यादा और कुछ नहीं : बलजिदर
फासवेक अध्यक्ष बलजिदर सिंह बिट्टू का कहना है कि इस समय शहर में समस्याओं का अंबार है। समस्याओं को दूर करने की बजाय पार्षद स्टडी टूर पर जा रहे हैं। इस तरह के टूर सैर सपाटे से ज्यादा और कुछ नहीं होते हैं। शहर को जरूर मिलेगा पार्षदों के टूट का लाभ : रवि शर्मा
भाजपा पार्षद रवि शर्मा का कहना है कि स्टडी टूर का फायदा जरूर मिलता है। जो टूर अब जा रहा है इसका भी शहर को बेनिफिट मिलेगा। साल 2018 में टूर इंदौर और विजयवाड़ा गया था। उस समय डंपिग ग्राउंड की खुदाई कर कचरे को प्रोसेस करने का प्रोजेक्ट देखा गया था। अब इस माह से चंडीगढ़ के डड्डूमाजरा के डंपिग ग्राउंड में यह काम शुरू होने जा रहा है। कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है। कांग्रेस की राजनीति समझ से परे है। सवाल है कि क्या कांग्रेसी पार्षदों के टूर पर न जाने से उनके उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिल जाएगी।