बजट में गमाडा से वसूले जाने के पैसे शामिल करने से पार्षद नाराज
शहर के पहले नगर निगम का कार्यकाल आखिरी महीने में चल रहा है।
जागरण संवाददाता, मोहाली : शहर के पहले नगर निगम का कार्यकाल आखिरी महीने में चल रहा है। सत्ता पक्ष ने एक दिन पहले ही बजट पास किया। लेकिन अब इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। पिछले साल के 125.66 करोड़ के बजट के मुकाबले इस साल का बजट करीब 244.21 करोड़ निर्धारित किया गया है। बजट में 100 करोड़ गमाडा से मिलने का अनुमान लगाया गया है। निगम ने गमाडा से पार्क व सड़कों सहित जो काम अडॉप्ट किए थे, उनके एवज में गमाडा ने हर वर्ष 50 करोड़ रुपये गमाडा को देने थे जो अब तक 200 करोड़ हो गए हैं। अगले साल तक यह राशि 250 करोड़ हो जाएगी। अब तक निगम को सिर्फ नौ करोड़ ही इस राशि से मिला है। इसी राशि में से 100 करोड़ इस साल के बजट में आने का अनुमान लगाया गया है। इसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस साल का बजट करीब 118.55 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है। जो पिछले साल से बजट के मुकाबले दोगुना के करीब है। इस बजट में बताया गया है कि करीब 251.66 करोड़ निगम की ओर से खर्च किए जाने हैं। जहां से निगम को आएंगे 244.21 करोड़
नगर निगम की ओर से गमाडा से कैपिटल वर्क की एवज में 100 करोड़, पंजाब म्यूनिसिपल फंड से 66 करोड़, इलेक्ट्रिसिटी टैक्स साढे़ सात करोड़, एक्साइज ड्यूटी से तीन करोड़, प्रॉपर्टी टैक्स से 28 करोड़, तहबाजारी से 60 लाख, कम्युनिटी हॉल बुकिग से 60 लाख, एडवर्टाइजमेंट से 11 करोड़, वाटर एंड सीवरेज चार्जेज से 1.10 करोड़, लाइसेंस फीस से 30 लाख, कैटल पौंड से 10 लाख, डेड एनिमल से एक लाख, बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस 75 लाख, सिक्योरिटी एंड नॉन कंस्ट्रक्शन फीस गमाडा से एक करोड़, अन्य मुद्दों से 1.25 करोड़, 14वें फाइनेंस कमीशन से पांच करोड़, अमरूत स्कीम सीवरेज से 11 करोड़, अमरूत स्कीम वाटर सप्लाई से सात करोड़ कमाए जाएंगे। वहीं, निगम की ओर से राशि भी खर्च की जाएगी। निगम की ओर से दफ्तरी कामों पर 42.85 करोड़, कंटीजेंसी पर 4.80 करोड़, डेवलपमेंट कमेटेड 125.31 करोड़, डेवलपमेंट नॉन कमेटेड पर 78.70 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। अब कैसे वसूली जाएगी राशि : बेदी
पार्षद कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि पहले ही गमाडा से राशि नहीं वसूली गई। लेकिन अब ये राशि कैसे वसूली जाएगी। जान-बूझकर इस राशि को बजट में शामिल कर बजट बड़ा किया गया है। पार्षद बीबी मैणी ने कहा कि जब पहले पैसा गमाडा से नहीं आया तो अब कहा से आएगा। पिछले चार साल में पैसा नहीं आया। तीन साल पहले एग्रीमेंट हुआ था लेकिन अब तक सिर्फ नौ लाख आए। सौ करोड़ शामिल क्यों किए गए?